कोरोना को लेकर स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने किया सावधान, बोले- अभी लंबी चलेगी जंग
राज्यसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि अभी कोरोना के खिलाफ लड़ाई लंबी चलने वाली है।
नई दिल्ली, एजेंसियां। कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर देशवासियों को सावधान करते हुए सरकार ने मंगलवार को संसद के उच्च सदन में कहा कि इस महामारी के खिलाफ जंग अभी खत्म नहीं होने वाली। सरकार ने बताया कि संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों की पहचान के क्रम में लगभग 40 लाख लोगों पर नजर रखी जा रही है। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए तमाम स्तरों पर प्रयास चल रहे हैं।
राज्यसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई लंबी चलेगी। अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए बाजार से लेकर व्यापार तक खोलने के साथ ही संतुलित दृष्टिकोण अपनाना पड़ा है। ऐसे में वायरस के प्रसार को रोकने और उसकी चेन को तोड़ने के लिए यह जरूरी है कि सभी समुदायों का समर्थन मिलता रहे।
स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने सदन को बताया कि संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों की पहचान के अभियान में लगभग 40 लाख लोगों को निगरानी में रखा गया है। संक्रमण का पता लगाने के लिए 10 सितंबर तक 5.4 करोड़ नमूनों की जांच की जा चुकी थी।
कोरोना मरीजों के लिए 13.14 लाख बेड
अश्विनी चौबे ने बताया कि 10 सितंबर तक कोरोना मरीजों का इलाज करने वाले अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या 15,290 थी। इनमें 13,14,171 बेड उपलब्ध हैं। इनमें से 2,31,269 बेड ऑक्सीजन की सुविधा वाले हैं और 62,694 आइसीयू बेड हैं, जिसमें 32,241 वेंटीलेटर की सुविधा वाले बेड भी शामिल हैं।
30 से ज्यादा वैक्सीन का परीक्षण
स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने बताया कि 30 से अधिक कोरोना वैक्सीन का परीक्षण किया जा रहा है। इनमें से तीन वैक्सीन का परीक्षण पहले, दूसरे और तीसरे चरण तक पहुंच गया है। भारत बायोटेक और कैडिला की दो स्वदेशी वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल के पहले चरण में सुरक्षा के मानकों को पूरी तरह से खरी उतरी हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के मरीजों के लिए वैकल्पिक चिकित्सकीय पोर्टफोलियो बनाने के लिए इसके इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवाइयों के 13 क्लीनिकल परीक्षण किए गए हैं।
लॉकडाउन ने कम की कोरोना की रफ्तार
अश्विनी चौबे ने कहा कि 25 मार्च से 31 मई तक लगाए गए लॉकडाउन के चलते कोरोना के प्रसार की रफ्तार को कम करने में मदद मिली। इसकी वजह से 78 हजार लोगों की जान बचाई जा सकी और लाखों लोगों तक संक्रमण पहुंचने से रोका जा सका। उन्होंने बताया कि अभी तक मिले प्रमाणों से यह पता चला है कि संक्रमित व्यक्ति के लार और सांस के साथ निकलने वाले कणों के जरिए कोरोना फैलता है।