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पैसों के हिसाब-किताब में खत्म हो गई समीक्षा बैठक

केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने मंगलवार को कड़ी नसीहत ही दे डाली।

By Manish NegiEdited By: Published: Tue, 29 Aug 2017 10:02 PM (IST)Updated: Tue, 29 Aug 2017 10:02 PM (IST)
पैसों के हिसाब-किताब में खत्म हो गई समीक्षा बैठक
पैसों के हिसाब-किताब में खत्म हो गई समीक्षा बैठक

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। पुराने कामों को पूरा करने की जगह नए कामों की डिमांड में कुछ ज्यादा ही रुचि दिखाने वाले राज्यों को केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने मंगलवार को कड़ी नसीहत ही दे डाली। उन्होंने कहा कि पहले वह अपने पैसे और योजना का ठीक ढंग से अमल और उपयोग का प्रमाण पत्र दें, तभी उन्हें नए काम और पैसे मिलेंगे।

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यह वाकया तब हुआ, जब केंद्रीय मंत्री ने मंत्रालय से जुड़ी 24 योजनाओं के काम-काज को लेकर चार राज्यों के पहले ग्रुप को बैठक के लिए बुलाया था। पर बैठक में योजनाओं के काम-काज को लेकर राज्यों के साथ लंबी चर्चा होती, इससे पहले राज्यों की मांगों को देखकर बैठक का पूरा स्वरूप ही बदल गया। दरअसल एक राज्य ने भी अब तक उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दिया है। 

केंद्रीय मंत्री गहलोत ने अगले 15 दिन में मंत्रालय से जुड़ी योजनाओं में मिले पैसों का हिसाब-किताब देने को कहा है। वहीं उन्होंने राज्यों से 30 सितंबर तक नए प्रस्ताव भी देने को कहा है। उन्होंने कहा कि राज्यों को पूरी मदद दी जाएगी, लेकिन उन्हें पहले मिले पैसों की उपयोगिता का प्रमाण पत्र देना होगा। गहलोत ने राज्यों के साथ मंत्रालय से जुड़ी जिन 24 योजनाओं की समीक्षा को लेकर विज्ञान भवन में बैठक रखी थी, उनमें ओबीसी और एससी-एसटी वर्ग को दी जाने वाली छात्रवृत्ति, गरीबों के लिए छात्रावास के निर्माण व पीएम आदर्श ग्राम योजना आदि प्रमुख थी। बैठक में दिल्ली को छोड़कर उत्तर प्रदेश के सामाजिक कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री, छत्तीसगढ़ से मंत्री केदार कश्यप और जम्मू कश्मीर से विभाग की मंत्री आशिया नकास मौजूद रही।

पीएम आदर्श ग्राम योजना में सभी जिले हो शामिल- छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ ने बैठक के दौरान प्रदेश के सभी जिलों को पीएम आदर्श ग्राम योजना में शामिल करने की मांग की। छत्तीसगढ़ के मंत्री केदार कश्यप ने बताया कि मौजूदा समय में प्रदेश के सिर्फ 175 गांवों को ही इस योजना में शामिल किया गया है। इसके तहत प्रत्येक गांव को 45 लाख रुपए दिए जाते है। छत्तीसगढ़ ने बाबू जगजीवन राम योजना के तहत प्रदेश में पांच सौ बेड वाले छात्रावासों को खोलने की भी मांग की।


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