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लंबे समय से लापता दो महिलाएं परिवार से मिलीं

लंबे समय से लापता दो महिलाएं इस गणतंत्र दिवस पर अपने परिजनों से दोबारा मिल गईं। इनमें से एक उत्तर प्रदेश और दूसरी गुजरात की है, इन महिलाओं को इनके परिवारों से मिलाने का काम ठाणे मानसिक अस्पताल के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने किया। ये दोनों मानसिक रूप से बीमार थीं।

By Lalit RaiEdited By: Published: Wed, 27 Jan 2016 11:10 AM (IST)Updated: Wed, 27 Jan 2016 11:32 AM (IST)
लंबे समय से लापता दो महिलाएं परिवार से मिलीं

मुंबई,फैजल टंडेल (मिड-डे)। लंबे समय से लापता दो महिलाएं इस गणतंत्र दिवस पर अपने परिजनों से दोबारा मिल गईं। इनमें से एक उत्तर प्रदेश और दूसरी गुजरात की है, इन महिलाओं को इनके परिवारों से मिलाने का काम ठाणे मानसिक अस्पताल के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने किया। ये दोनों मानसिक रूप से बीमार थीं।

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पहला मामला उत्तर प्रदेश के जौनपुरा जिले के रामपुर की 40 वर्षीय सितारा देवी (बदला नाम) का है। उन्हें दो साल बाद उनके भाई को सौंपा गया। जबकि दूसरा मामला शोभा वसंत गिरि (43) का है। वह 2008 में गुजरात के सूरत से लापता हो गई थीं। अब जाकर वह दोबारा अपने परिवार से मिलीं।

सितारा देवी की शादी 20 साल पहले हुई थी। उनके एक लड़की समेत पांच बचे हैं। उनका पति गोरेगांव में टैक्सी चलाता है। ठाणे अस्पताल की मनोचिकित्सक और सोशल वर्कर सुरेखा वाठोरे ने बताया, ‘दो साल पहले सितारा देवी को पता चला कि मुंबई में उसके पति ने एक बंगाली महिला से दूसरी शादी कर ली है। इस पर वह अपने भाई के साथ मुंबई आईं, जो उन्हें पति के पास छोड़कर लौट गया। एक दिन उनका पति घुमाने के बहाने उन्हें मुंबई में छोड़कर फरार हो गया। अकेली महिला को देख कुछ लोगों ने गलत फायदा उठाया, उन्हें यौन उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा। इस घटना के चलते वह मानसिक रूप से विक्षिप्त हो गईं।

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मुंबई पुलिस ने दो जनवरी, 2014 को उन्हें मानसिक अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल में सोशल वर्करों ने उनके बारे में जानकारी एकत्र करने के काफी प्रयास किए। लेकिन उनकी भाषा और अशिक्षित होने की वजह से इसमें दिक्कत आई। बाद में पता चला कि वह जौनपुर के रामपुर की रहने वाली हैं। इसके बाद वहां की पुलिस से संपर्क किया गया, जिसने उनके परिवार को खोज निकाला।


शोभा वसंत का मामला थोड़ा अलग है। वह भी मानसिक बीमारी से पीड़ित थीं। उन्हें ठाणो ग्रामीण पुलिस ने एक जुलाई, 2008 को अस्पताल में भर्ती कराया था। सुरेखा ने कहा, ‘पुलिस ने शोभा को अकेले घूमते पाया था। वह अपने बारे में कुछ भी नहीं बता पा रही थी। हमने प्रयास जारी रखे। इसमें हमें अगस्त, 2015 में सफलता मिली। पता चला कि वह शादीशुदा है और गुजरात की रहने वाली है।’ उसके पति वसंत गिरि गोस्वामी ने बताया कि उसने पत्नी की गुमशुदगी की रिपार्ट लिखवाई थी लेकिन वह नहीं जानता था कि वह मुंबई पहुंच जाएगी।फैजल टंडेल (मिड-डे), मुंबई : लंबे समय से लापता दो महिलाएं इस गणतंत्र दिवस पर अपने परिजनों से दोबारा मिल गईं। इनमें से एक उत्तर प्रदेश और दूसरी गुजरात की है, जिन्हें इनके परिवारों से मिलाने का काम ठाणो मानसिक अस्पताल के सोशल वर्करों ने किया। ये दोनों मानसिक रूप से बीमार थीं।
पहला मामला उत्तर प्रदेश के जौनपुरा जिले के रामपुर की 40 वर्षीय सितारा देवी (बदला नाम) का है। उन्हें दो साल बाद उनके भाई को सौंपा गया। जबकि दूसरा मामला शोभा वसंत गिरि (43) का है। वह 2008 में गुजरात के सूरत से लापता हो गई थीं। अब जाकर वह दोबारा अपने परिवार से मिलीं। सितारा देवी की शादी 20 साल पहले हुई थी। उनके एक लड़की समेत पांच बचे हैं। उनका पति गोरेगांव में टैक्सी चलाता है। ठाणो अस्पताल की मनोचिकित्सक और सोशल वर्कर सुरेखा वाठोरे ने बताया, ‘दो साल पहले सितारा देवी को पता चला कि मुंबई में उसके पति ने एक बंगाली महिला से दूसरी शादी कर ली है। इस पर वह अपने भाई के साथ मुंबई आईं, जो उन्हें पति के पास छोड़कर लौट गया। एक दिन उनका पति घुमाने के बहाने उन्हें मुंबई में छोड़कर फरार हो गया। अकेली महिला को देख कुछ लोगों ने गलत फायदा उठाया, उन्हें यौन उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा। इस घटना के चलते वह मानसिक रूप से विक्षिप्त हो गईं।

मुंबई पुलिस ने दो जनवरी, 2014 को उन्हें मानसिक अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल में सोशल वर्करों ने उनके बारे में जानकारी एकत्र करने के काफी प्रयास किए। लेकिन उनकी भाषा और अशिक्षित होने की वजह से इसमें दिक्कत आई। बाद में पता चला कि वह जौनपुर के रामपुर की रहने वाली हैं। इसके बाद वहां की पुलिस से संपर्क किया गया, जिसने उनके परिवार को खोज निकाला।


शोभा वसंत का मामला थोड़ा अलग है। वह भी मानसिक बीमारी से पीड़ित थीं। उन्हें ठाणो ग्रामीण पुलिस ने एक जुलाई, 2008 को अस्पताल में भर्ती कराया था। सुरेखा ने कहा, ‘पुलिस ने शोभा को अकेले घूमते पाया था। वह अपने बारे में कुछ भी नहीं बता पा रही थी। हमने प्रयास जारी रखे। इसमें हमें अगस्त, 2015 में सफलता मिली। पता चला कि वह शादीशुदा है और गुजरात की रहने वाली है।’ उसके पति वसंत गिरि गोस्वामी ने बताया कि उसने पत्नी की गुमशुदगी की रिपार्ट लिखवाई थी लेकिन वह नहीं जानता था कि वह मुंबई पहुंच जाएगी।


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