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पिस्तौल चेक करने के लिए आतंकियों ने की शिक्षक की हत्या

शुक्ला कानपुर के स्वामी आत्मप्रकाश ब्रह्मचारी जुनियर हाईस्कूल के सेवानिवृत प्राचार्य थे। पिछले साल 24 अक्टूबर को उनकी हत्या कर दी गई थी, जब वे साइकिल पर जा रहे थे।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Mon, 20 Nov 2017 10:22 PM (IST)Updated: Mon, 20 Nov 2017 10:32 PM (IST)
पिस्तौल चेक करने के लिए आतंकियों ने की शिक्षक की हत्या
पिस्तौल चेक करने के लिए आतंकियों ने की शिक्षक की हत्या

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पिस्तौल को चेक करने के लिए आइएसआइएस से जुड़े आतंकियों ने कानपुर के शिक्षक रमेश चंद्र शुक्ला की हत्या कर दी थी। मध्यप्रदेश पुलिस के सामने गिरफ्तार आतंकियों के खुलासे के बाद एनआइए ने इसकी जांच शुरू कर दी है। शुक्ला कानपुर के स्वामी आत्मप्रकाश ब्रह्मचारी जुनियर हाईस्कूल के सेवानिवृत प्राचार्य थे। पिछले साल 24 अक्टूबर को उनकी हत्या कर दी गई थी, जब वे साइकिल पर जा रहे थे।

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एनआइए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस साल मार्च में भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में बम विस्फोट करने वाले आतंकियों आतिफ मुजफ्फर और दानिश ने पूछताछ में स्वीकार किया कि शुक्ला की हत्या उन्होंने की थी और लखनऊ में मुठभेड़ में मारा गया आतंकी शैफुल्ला भी उनके साथ था। आतंकियों के अनुसार कानपुर में वे तीनों किसी लाइव टारगेट की तलाश में घूम रहे थे, ताकि अपने पिस्तौल की मारक क्षमता को चेक कर सके। इसी दौरान उन्हें 12.30 बजे दोपहर को रमेश चंद्र शुक्ला साइकिल पर आते हुए दिखे। मोटरसाइकिल रोककर आतंकियों ने उन्हें नजदीक से गोली मारी और फरार हो गए। शुक्ला की मौके पर ही मौत हो गई। उत्तरप्रदेश पुलिस अभी तक इस मामले की जांच कर रही थी।

वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार पूछताछ के दौरान दोनों आतंकियों ने बताया कि अगले दिन उन्हें अखबार में छपी खबर से पता चला कि मरने वाले रमेश चंद्र शुक्ला थे। पिस्तौल से सही निशाना लगने और शुक्ला के मरने पर तीनों आतंकी काफी खुश भी थे। दरअसल शुक्ला दो साल पहले ही सेवानिवृत हो चुके थे, लेकिन अध्यापन से अत्यधिक लगाव की वजह से वे स्कूल में क्लास लेने जाते थे। बताया जाता है कि उस दिन वे क्लास लेने स्कूल ही जा रहे थे, जब आतंकियों ने उन्हें निशाना बना दिया था।

गौरतलब है कि इस साल में मार्च में भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में विस्फोट में 10 लोग घायल हो गए थे। इसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश में फैले आइएसआइएस आतंकियों के एक गिरोह का पर्दाफाश किया था। इस गिरोह के कई आतंकी गिरफ्तार कर लिए गए थे, लेकिन इसका सरगना सैफुल्ला लगभग 12 घंटे की मुठभेड़ के बाद लखनऊ में मार गिराया गया था।

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