NIA टीम के सामने आतंकियों ने आधे घंटे में बनाकर दिखा दिया आइईडी
दो सदस्यीय एनआइए की टीम ने एसटीएफ के जवानों की मौजूदगी में इनसे बम बनवाकर यह समझने की कोशिश की कि आखिर ये विस्फोटक बनाने में कितने माहिर हैं।
जागरण संवाददाता, कोलकाता : स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के हाथों दबोचे गए अलकायदा के दोनों आतंकी किस कदर खतरनाक हैं इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ये लोग एक घंटे के अंदर भारी नुकसान पहुंचाने की क्षमता वाले तीन बम बनाने में सक्षम हैं। गुरुवार को लालबाजार पहुंची राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की टीम ने अलकायदा के दोनों आतंकियों शमशाद और रियाज से लंबी पूछताछ की है। दो सदस्यीय एनआइए की टीम ने एसटीएफ के जवानों की मौजूदगी में इनसे बम बनवाकर यह समझने की कोशिश की कि आखिर ये विस्फोटक बनाने में कितने माहिर हैं।
जांच एजेंसी सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि दोनों ने एक से डेढ़ घंटे के बीच में आइइडी का सर्किट, हैंड ग्रेनेड और शॉकेट बम बना दिया था। इतना ही नहीं आतंकियों ने इन्हें निष्कि्रय भी करके दिखाया। दोनों ने बताया कि इन्हें बम बनाने व निष्कि्रय करने की ट्रेनिंग तालिबानी आतंकवादियों से मिली है।
26 और युवकों को दिया है प्रशिक्षण : इन दोनों ने यूपी, हैदराबाद और कर्नाटक में 26 और युवकों को बम बनाने व निष्कि्रय करने का प्रशिक्षण दिया है। प्राथमिक तौर पर दावा किया जा रहा है कि इन लोगों ने जिन भी युवकों को प्रशिक्षित किया है वे बंगाल के बाहर के हैं, लेकिन जांच एजेंसियों को संदेह है कि बंगाल में भी कुछ युवकों को इन लोगों ने अपना शागिर्द बनाया है।
हैदराबाद पुलिस ने भी की पूछताछ
एनआइए अधिकारियों के साथ-साथ हैदराबाद पुलिस की टीम ने भी आतंकियों से पूछताछ की है। दरअसल एसटीएफ की पूछताछ में दोनों ने बताया था कि गला रेतकर हत्या की प्रैक्टिस के लिए इन लोगों ने एक कसाईघर में काम किया था। वहीं रहकर दोनों ने कुछ युवकों को भी अलकायदा से जोड़ा था।
कर्नाटक में बनवाया था आधार कार्ड : इन लोगों ने बताया है कि दोनों का बंगाल का आधार कार्ड कर्नाटक में ही बना था। एक एजेंट के जरिए 10 हजार रुपये में इन लोगों ने आधार कार्ड बनवाया था। इसके बाद आधार की विश्वसनीयता को लेकर भी सवाल खड़े हो गए हैं। जांच एजेंसियां भी आधार बनाने वाले गिरोह की तलाश में जुट गई है।
यूपी से तेलांगना तक फैला है जाल : इस बात का पता चला है कि आतंकियों का जाल उत्तर प्रदेश से तेलांगना तक फैला था। हैदराबाद से लौटने के बाद इन लोगों ने यूपी का रुख किया था। वहां से वे पटना और रांची भी आते जाते रहे हैं। इन सभी राज्यों की पुलिस से कोलकाता पुलिस ने सम्पर्क साधकर सूचनाओं का आदान-प्रदान किया है।
योगी सरकार बनने से पहले आतंकियों ने छोड़ी थी यूपी
आतंक के प्रशिक्षण के लिए इन लोगों ने उत्तर प्रदेश के देवबंद को अपना मुख्य अड्डा बनाया था। वह 2016 का दौर था। वहां वे युवाओं को बरगला कर उन्हें आतंक की राह पर ले जा रहे थे। विस्फोटक आदि बनाने का प्रशिक्षण भी इन लोगों ने दिया था। इस बीच वहां की सत्ता में परिवर्तन की लहर का एहसास होने के बाद पकड़े जाने के डर से दोनों ने यूपी छोड़ने में गनीमत समझी थी। देवबंद से भागने के बाद पटना होते हुए ये बर्द्धमान पहुंचे और वहां से कोलकाता आकर अपना मॉड्यूल तैयार करने में जुट गए थे।