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बड़ा आइईडी धमाका करने की फिराक में आतंकी, हाईवे पर सुरक्षाबलों को निशाना बनाने का षडयंत्र

सुरक्षाबलों की कार्रवाई से बौखलाए आतंकी बड़ा आइर्डडी धमाका करने की योजना बना रहे हैं। सूत्रों की मानें तो आतंकी पुलवामा जैसे हमले को अंजाम देने की फ‍िराक में हैं...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 27 Jun 2020 09:52 PM (IST)Updated: Sun, 28 Jun 2020 04:41 AM (IST)
बड़ा आइईडी धमाका करने की फिराक में आतंकी, हाईवे पर सुरक्षाबलों को निशाना बनाने का षडयंत्र
बड़ा आइईडी धमाका करने की फिराक में आतंकी, हाईवे पर सुरक्षाबलों को निशाना बनाने का षडयंत्र

श्रीनगर, जेएनएन। कश्मीर में सुरक्षाबलों के लगातार बढ़ते दबाव और सभी प्रमुख कमांडरों के मारे जाने से हताश आतंकी संगठन बौखलाहट में कोई बड़ा आइईडी धमाका करने की फिराक में हैं। पुलिस के पास ऐसे इनपुट है कि आतंकी 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए वाहन बम धमाके जैसा हमला भी कर सकते हैं। इस साजिश की सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बल पूरी तरह अलर्ट मोड में हैं और आतंकियों की किसी भी साजिश को नाकाम बनाने के लिए तैयार हैं।

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अब तक 110 आतंकी ढेर

कश्मीर घाटी में इस साल अब तक करीब 110 आतंकी मारे जा चुके हैं। सिर्फ दक्षिण कश्मीर में ही बीते 26 दिनों में 44 आतंकी ढेर हो चुके हैं। लश्कर, जैश, हिजबुल और अंसार गजवात-उल-हिद ¨हद जैसे संगठनों के सभी प्रमुख कमांडरों को सुरक्षाबलों ने अलग अलग मुठभेड़ों में मार गिराया है। इन आतंकियों ने भी एक बड़ा वाहन धमाका करने की साजिश रची थी, जिसे नाकाम बनाया दिया गया।

इन जगहों पर हमले का खतरा

खुफिया एजेंसियों के मुताबिक आतंकी संगठनों ने जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर पांपोर से बिजबिहाड़ा और काजीगुंड के पास किसी जगह आइईडी धमाका करने की साजिश रची है। इसके अलावा बारामुला-सोपोर-कु पवाड़ा सड़क पर भी वह सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए आइईडी का सहारा ले सकते हैं। इसके अलावा भीड़ भरे इलाकों में सुरक्षाबलों पर हमला कर वह उन्हें ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर सकते हैं। इन हमलों में आतंकी उन लड़कों का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो पत्थरबाजी व राष्ट्रविरोधी प्रदर्शनों में सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं। आतंकी संगठन वादी के भीतर और जम्मू प्रांत के आतंकवाद प्रभावित इलाकों में रहने वाले अल्पसंख्यकों को भी निशाना बना सकते हैं।

सीमा पर से भी है दबाव

खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, इस समय जैश-ए-मोहम्मद और टीआरएफ को ही पाकिस्तानी सेना द्वारा कश्मीर में किसी बड़े हमले को अंजाम देने के लिए कहा जा रहा है। इसके लिए इन दोनों संगठनों को लश्कर और हिजबुल के स्थानीय कैडर से मदद लेने के लिए कहा गया है।

हिंसा की हर मुमकिन कोशिश कर रहा पाक

जम्मू कश्मीर पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने भी कहा है कि जम्मू कश्मीर में सुधरते हालात से आतंकी संगठन और पाकिस्तान पूरी तरह हताश है। जम्मू कश्मीर में खून खराबे का दौर जारी रखने के लिए पाकिस्तान हर मुमकिन साजिश कर रहा है। वह आतंकियों की घुसपैठ करवाने के लिए आए दिन एलओसी पर गोलाबारी कर रहा है। प्रदेश के भीतरी हिस्सों में वह आतंकियों को किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए हुक्म सुना रहा है। जैश किसी बड़े आइईडी हमल को अंजाम देना चाहता है।

पुलवामा जैसा हमला करने की फिराक में आतंकी

आइजीपी कश्मीर रेंज विजय कुमार ने कहा कि शुक्रवार को आतंकियों ने तीन जगह सुरक्षाबलों पर हमले किए हैं। इससे उनकी हताशा का पता चलता है। हमारे पास जो सूचनाएं हैं, उनके मुताबिक वह 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए वाहन बम जैसा कोई बड़ा हमला करने के लिए मौका तलाश रहे हैं। हम सेना और सीआरपीएफ के जवानों के साथ मिलकर आतंकियों के ठिकानों पर लगातार दबिश दे रहे हैं। त्राल को हिजबुल मुजाहिदीन से पूरी तरह खाली करा लिया गया है। दक्षिण कश्मीर में अब गिने चुने ही आतंकी बचे हैं। विदेशी आतंकी करीब 30 ही रह गए हैं। सेंट्रल कश्मीर और उत्तरी कश्मीर में विदेशी आतंकियों की तादाद ज्यादा है। 


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