कश्मीर हिंसा: आतंकी समर्थित भीड़ का सैन्य शिविर पर हमला, फायरिंग में 1 की मौत
इस बीच, बंद, कफ्र्यू और प्रशासनिक पाबंदियों के चलते पूरी वादी में सामान्य जनजीवन पूरी तरह ठप रहा। वादी में अब तक हिंसक प्रदर्शनों में 45 लोगों की मौत हो चुकी है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। हिज्ब आतंकी बुरहान के मारे जाने के बाद कश्मीर में शुरू हुआ हिंसाचक्र रविवार को लगातार नौवें दिन भी जारी रहा। इस दौरान बांडीपोर में सैन्य शिविर पर उत्तेजित भीड़ के हमले के दौरान सुरक्षाबलों को फायरिंग करनी पड़ी, जिसमें एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य जख्मी हो गए। अन्य जगहों पर हुई हिंसा मे करीब डेढ़ दर्जन लोग जख्मी हुए हैं, जिनमें सात पुलिसकर्मी हैं। अलबत्ता, पुलिस ने बांडीपोर में युवक की मौत की पुष्टि नहीं की है। इस बीच, बंद, कफ्र्यू और प्रशासनिक पाबंदियों के चलते पूरी वादी में सामान्य जनजीवन पूरी तरह ठप रहा। वादी में अब तक हिंसक प्रदर्शनों में 45 लोगों की मौत हो चुकी है।
प्रशासन ने रविवार को वादी के विभिन्न हिस्सों में कफ्र्यू और सभी संवदेनशील इलाकों में पुलिस व अर्द्धसैनिकबलों का भारी बंदोबस्त कर रखा था। कई इलाकों में रास्तों को सील किया गया था, लेकिन यह प्रबंध त्राल, सोपोर, बांडीपोर, कुपवाड़ा, कुलगाम, अनंतनाग और पुलवामा के अलावा श्रीनगर के सौरा, ईदगाह, आंचर में कहीं काम नहीं आए और आतंकी समर्थक हिंसक भीड़ राष्ट्र विरोधी नारेबाजी करते हुए सड़कों पर हिंसा व आगजनी पर उतर आई। सोपोर, त्राल व पुलवामा में हिंसक भीड़ और सुरक्षाबलों के बीच हुई झड़पों में छह पुलिसकर्मियों समेत एक दर्जन के करीब लोग जख्मी हो गए, जबकि ईदगाह, सौरा व आंचर में एक सुरक्षाकर्मी के अलावा छह प्रदर्शनकारियों के घायल होने की सूचना है।
बांडीपोर में सबसे ज्यादा हिंसा हुई। वहां सदरकूट इलाके में हिंसक भीड़ ने सैन्यकर्मियों पर हमला करते हुए उनके हथियार छीनने का प्रयास किया। उन्हें काबू करने के लिए पुलिस व अर्द्धसैनिक बलों को आंसूगैस, रबर की गोलियों और पैलेट गन के इस्तेमाल के अलावा फायरिंग भी करनी पड़ी। इसमें एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई, जबकि चार अन्य घायल हो गए।
इंटरनेट व मोबाइल सेवाएं ठप
वादी में इंटरनेट व मोबाइल सेवाएं रविवार को भी ठप रहीं। सिर्फ बीएसएनएल की पोस्टपेड और लैंडलाइन सेवा ही बहाल है।
सड़कें रही वीरान
हड़ताल, कफ्र्यू व प्रशासनिक पाबंदियों के चलते रविवार को भी वादी में सभी दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। सड़कों पर सिर्फ सुरक्षाबलों, सरकारी कर्मियों के वाहन और एंबुलेंस सेवा ही दिखी। बनिहाल-बारामुला रेल सेवा लगातार नौवें दिन बंद रही।
नहीं छपे अखबार, सिर्फ ऑनलाइन खबरों का सहारा
राज्य सरकार की ओर से कश्मीर में स्थानीय समाचारपत्रों के प्रकाशन पर लगाई गई पाबंदी के चलते रविवार को दूसरे दिन भी लोगों को अखबार नहीं मिले। बाहर से आने वाले राष्ट्रीय अखबारों का कफ्र्यू व प्रशासनिक पाबंदियों के चलते वितरण नहीं हो पाया। अलबत्ता, स्थानीय समाचार पत्रों ने अपने ऑनलाइन संस्करण को सामान्य दिनों की तरह ही अपडेट किया।
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