नाकाम पाकिस्तान ने चला 'तुरुप का पत्ता', पाक सेना व आइएसआइ ने की बैठक
नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर घुसपैठ करवाकर जम्मू कश्मीर में अशांति फैलाने के लिए आतंकी सरगना हाफिज सईद के भतीजे और दमाद को कमान सौंपी गई है।
गगन कोहली, राजौरी। आतंकवाद और घुसपैठ से लेकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर हर मोर्चे पर मुंह की खाने के बाद अब पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने नापाक साजिश को अंजाम देने के लिए 'तुरुप का पत्ता' चला है। नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर घुसपैठ करवाकर जम्मू कश्मीर में अशांति फैलाने के लिए आतंकी सरगना हाफिज सईद के भतीजे और दमाद को कमान सौंपी गई है।
सूत्रों के अनुसार, हाल ही में आइएसआइ ने सीमा पार पाकिस्तानी सेना और आतंकी संगठनों के साथ एक बैठक की, जिसमें हाफिज का भतीजा और दमाद भी शामिल हुआ। बैठक में सर्दियों में बर्फ के कारण घुसपैठ के सभी रास्ते बंद होने के कारण अभी से गर्मियों के लिए घुसपैठ की नापाक साजिश का खाका तैयार कर लिया गया। वहीं दूसरी ओर एलओसी पर पहले से सतर्क भारतीय सेना और सुरक्षा एजेंसिया साफ कर चुकी हैं कि जो भी घुसपैठिया सीमा पार करेगा, मारा जाएगा। हाल ही में नवनियुक्त सेना अध्यक्ष मनोज कुमार नरवाने ने भी राजौरी-पुंछ में अग्रिम क्षेत्रों में हालात जाने थे।
सूत्रों के अनुसार, सीमा पर कुछ दिनों से लगातार आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडरों के साथ पाक की खुफिया एजेंसी के अधिकारी व पाक सेना के अधिकारी लगातार बैठकें कर रहे हैं। कुछ रोज पहले रावलपिंडी में बैठक हुई थी, जिनमें लश्कर के सरगना हाफिज सईद का भतीजा, दमाद के साथ कई आतंकी संगठनों के आतंकी शामिल थे। आइएसआइ व पाक सेना के अधिकारी भी मौजूद थे। सभी ने मिलकर साफ कहा कि जैसे ही गर्मी शुरू होती है उसी समय घुसपैठ के प्रयास तेज किए जाएं। अधिक से अधिक आतंकवादियों को भारतीय क्षेत्र में दाखिल करवाया जाए, ताकि आतंकी गतिविधियों में तेजी लाई जाए। साजिश भरी बैठकों के बाद भारतीय सेना भी तैयार है।
जहां बर्फ नहीं वहां घुसपैठ के प्रयास करें :
सरहद पार ऐसी रणनीति तैयार की गई है कि मौजूदा समय में जहां भी इस समय बर्फ कम है, वहां पाक सेना संघर्ष विराम के उल्लंघन की आड़ में आतंकवादियों की घुसपैठ करवाए। राजौरी और पुंछ में पाकिस्तानी सेना तभी बार-बार गोलाबारी कर रही है।
बैट को भी हमलों के निर्देश :
सीमा पार बार्डर एक्शन टीम (बैट) जिसमें पाक सेना के विशेष एसएसजी कमांडों के साथ आतंकी व पाक सेना के जवान शामिल हैं, को साफ निर्देश हैं कि सीमा पार करके भारतीय क्षेत्र में भारतीय सेना के जवानों पर अधिक से अधिक हमले किए जाएं। आशंका है कि आने वाले दिनों में बैट के हमले सीमा पर तेज हो सकते हैं।
तीन माह में संघर्ष विराम का उल्लंघन :
पिछले तीन माह में ही पाकिस्तानी सेना 50 से अधिक बार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर चुकी है। इसी की आड़ में घुसपैठ की कई कोशिशें हो चुकी हैं। इसमें सेना के पोर्टर सहित पांच जवान शहीद हो चुके हैं। सबसे अधिक पाक गोलाबारी पुंछ के कृष्णाघाटी, शाहपुर किरनी, बालाकोट, राजौरी के तरकुंडी, झंगड़ और लाम में होती है, लेकिन भारतीय सेना हर बार पाकिस्तान को करारा जवाब दे रही है।