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लश्कर आतंकी का कुबूलनामा- पाकिस्तान में कश्मीर को लेकर जो भी बताया था, सब झूठ निकला

लश्कर आतंकी ने पाक परस्तों के दुष्प्रचार की खोली पोल। मीडिया से कहा- सुना था कि भारतीय सेना कश्मीर में अत्याचार कर रही लेकिन यहां तो ऐसा कुछ नहीं है।

By Amit SinghEdited By: Published: Wed, 24 Apr 2019 09:16 PM (IST)Updated: Thu, 25 Apr 2019 12:44 PM (IST)
लश्कर आतंकी का कुबूलनामा- पाकिस्तान में कश्मीर को लेकर जो भी बताया था, सब झूठ निकला
लश्कर आतंकी का कुबूलनामा- पाकिस्तान में कश्मीर को लेकर जो भी बताया था, सब झूठ निकला

श्रीनगर, जेएनएन। कश्मीर में पकड़े गए लश्कर आतंकी ने पाकिस्तान परस्तों के दुष्प्रचार की पोल खोलकर रख दी है। दो दिन पहले पकड़े गए आतंकी छोटा दुजाना ने मीडिया के सामने इस दुष्प्रचार का खुलासा किया है। उसने साफ किया कि किस तरह बाहर के युवाओं को भारतीय सेना के अत्याचार की झूठी कहानी सुनाकर बहकाया जा रहा है। इसी दुष्प्रचार में फंसकर वह भी आतंकी बन भारत आया था।

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लश्कर-ए-तैयबा का यह पाकिस्तानी आतंकी मोहम्मद वकार उर्फ आकिब उर्फ वकास उर्फ छोटा दुजाना दो दिन पहले ही उत्तरी कश्मीर में पट्टन के पास विशेष सूचना के आधार पर पकड़ा गया था। वकार कोई मामूली आतंकी नहीं है। उसका पकड़ा जाना सुरक्षाबलों के लिए बहुत अहम है, क्योंकि वह लश्कर कमांडर और मुंबई हमले के मास्टरमाइंड जकी उर रहमान लखवी के घर में भी रह चुका है।

गुरुवार को श्रीनगर में मीडिया के सवालों के जवाब देते हुए 27 वर्षीय छोटा दुजाना ने कहा कि यह दुष्प्रचार फैलाया जा रहा है कि कश्मीर में भारतीय फौज, औरतों के साथ गलत काम और ज्यादतियां करती है। यही सुनकर मैं जिहाद के लिए यहां कश्मीर चला आया था। वादी में बीते पौने दो साल के अपने अनुभव सुनाते हुए उसने कहा कि मैंने यहां न किसी फौजी को मुसलमान का घर गिराते देखा और न किसी औरत पर जुल्म करते।

उसने कहा कि मुझे बताया गया था कि कश्मीर में मुसलमानों पर बहुत जुल्म होता है। यहां मस्जिदों में नमाज अदा नहीं करने दी जाती। हिंदुस्तानी फौज, कश्मीरियों पर जुल्म करती है। मैंने चार महीने मुजफ्फराबाद में हथियार चलाने की ट्रेनिंग भी ली और उसके बाद कश्मीर चला आया। 

पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के मियां मोहल्ला, नई आबादी, मियांवाली के रहने वाले वकार ने बताया कि वह जुलाई 2017 में कश्मीर आया था और तबसे कश्मीर में है। उसने मीडिया को बताया कि कश्मीर में रहने के दौरान उसने किसी जगह मस्जिद में नमाज पर रोक नहीं देखी। जुल्म की कहानियां भी झूठी निकलीं। उसने किसी आतंकी कार्रवाई में हिस्सा लेने से इन्कार करते हुए कहा कि मैं यहां के हालात देखकर हैरान था, जो मुझे सुनाया गया था, वैसा यहां कुछ नहीं था।

अलबत्ता, एसएसपी बारामुला अब्दुल क्यूम ने कहा कि वकार यहां कई आतंकी वारदात में शामिल रहा है। कोई आतंकी कश्मीर में आए और करीब पौने दो साल तक किसी वारदात को अंजाम न दे, ऐसा नहीं हो सकता। अभी हम इससे पूछताछ कर रहे हैं। राज्य पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि मोहम्मद वकार को दो दिन पहले पकड़ा गया है। वह एक वाहन में सवार था, उक्त वाहन को जब्त करने के साथ ही उसके चालक को भी हिरासत में ले लिया गया है।

पुलिस महानिदेशक ने कहा कि वकार अहमद ने पूछताछ में बताया है कि वह जकी उर रहमान लखवी से दो बार मिल चुका है। वह उसके घर में अपनी जिहादी ट्रेनिंग के दौरान रहा था। लखवी के घर लश्कर का कोई नामी आतंकी ही रह सकता है। इसलिए वकार को लश्कर ने किसी खास मिशन के तहत ही कश्मीर में भेजा है और वह लो प्रोफाइल रहकर अपनी विध्वंसकारी गतिविधियों में लगा था। वह अब उत्तरी कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा का नेटवर्क तैयार करने जा रहा था, लेकिन उससे पहले ही पकड़ा गया।

आशंका है कि पकड़ा गया आतंकवादी सिर्फ जम्मू कश्मीर में ही नहीं एलओसी के पार सक्रिय लश्कर नेटवर्क के बारे में भी बहुत कुछ जानता है। वकार का पकड़ा जाना भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी कामयाबी मानी जा रही है। साथ ही ये कश्मीर में जारी आतंकी हिंसा में पाकिस्तान की संलिप्तता का जीता-जागता और प्रत्यक्ष भी प्रमाण है।


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