घाटी में व्यापार की आड़ में हो रहा था आतंक का कारोबार, ISI के इशारे पर होती थी फंडिंग
सुरक्षा एजेंसियों के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक जम्मू कश्मीर से पाकिस्तान गए आतंकियों ने व्यापार के लिए इस्लामाबाद रावलपिंडी और मुजफ्फराबाद को अपना ठिकाना बना लिया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कश्मीर में सीमा पार से व्यापार के नाम पर कैसे आतंकी कारोबार हो रहा था इससे जुड़े चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। फिलहाल 10 ऐसे आतंकियों के नाम सामने आए हैं, जो घाटी से सीमापार कर पाकिस्तान चले गए थे और वहां कंपनी बनाकर व्यापार करने लगे। जाहिर है उनका असली उद्देश्य व्यापार नहीं, बल्कि उसकी आड़ में अलगाववादियों और आतंकियों तक फंड पहुंचाना था। शायद यही कारण है कि पिछले दिनों सरकार को सीमा पार से व्यापार को बंद करने का फैसला करना पड़ा।
सुरक्षा एजेंसियों के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक जम्मू कश्मीर से पाकिस्तान गए आतंकियों ने व्यापार के लिए इस्लामाबाद, रावलपिंडी और मुजफ्फराबाद को अपना ठिकाना बना लिया है। ये बादाम, छुहारा, सूखे मेवे से ले कर आम तक के व्यापार का दिखावा करते थे, लेकिन उसकी आड़ में आइएसआइ के इशारे पर पर घाटी में सक्रिय आतंकियों और अलगाववादियों तक पैसा पहुंचाने का काम कर रहे थे। यही नहीं, व्यापार की आड़ में हथियारों, मादक पदाथरें तथा नकली नोट की तस्करी का काम भी किया जा रहा था।
व्यापार की आड़ में घाटी में पैसा पहुंचाने वाले जिन 10 आतंकियों की जानकारी मिली है, उनमें एक है मेहराजुद्दीन भट्ट। त्राल का रहने वाला भट्ट करीब 10 साल पहले आतंकवादी बनने के लिए पाकिस्तान चला गया था। फिलहाल वह रावलपिंडी में है और 'मेहराजुद्दीन ट्रेडर्स' के नाम से कारोबार कर रहा है। दूसरा है-नजीर अहमद भट। पांपोर निवासी भट इस्लामाबाद में है और 'न्यू कश्मीर ट्रेडर्स' तथा 'न्यू कश्मीर फर्म' के नाम से कारोबार कर रहा है। वहीं बशरत अहमद भट बड़गाम का रहने वाला था।
कई साल पहले वह पाकिस्तान चला गया था और उसने आतंकवाद की राह पकड़ ली थी। वह रावलपिंडी में है और 'अल नसीर ट्रेडिंग कंपनी' नाम की उसकी कंपनी है। शौकत अहमद भट बड़गाम का रहने वाला था, जो रावलपिंडी में 'ताहा इंटरप्राइसेज' नाम से कारोबार करता है। जबकि बड़गाम निवासी नूर अहमद 10 साल पहले पाकिस्तान चला गया था और रावलपिंडी में है 'अल नूर' कंपनी के नाम से व्यापार करता है। इसी तरह खुर्शीद, इम्तियाज अहमद, आमिर, एजाज रहमानी और शब्बीर इलाही भी आतंकी है, जो पाकिस्तान में कंपनी बनाकर कश्मीर में सीमा पार व्यापार में संलिप्त है।