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Yasin Malik: टेरर फंडिंग मामले में यासीन मलिक दोषी करार, NIA की अदालत ने सुनाया फैसला

Yasin Malik News टेरर फंडिंग केस में अलगाववादी नेता यासीन मलिक को झटका लगा है। दिल्ली की एनआइए अदालत ने यासीन मलिक को दोषी करार दिया है। यासीन मलिक पर आपराधिक साजिश रचने देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने और अन्य गैरकानूनी गतिविधी में शामिल रहने का आरोप है।

By Manish NegiEdited By: Published: Thu, 19 May 2022 12:32 PM (IST)Updated: Thu, 19 May 2022 01:21 PM (IST)
Yasin Malik: टेरर फंडिंग मामले में यासीन मलिक दोषी करार, NIA की अदालत ने सुनाया फैसला
टेरर फंडिंग मामले में यासीन मलिक दोषी करार

नई दिल्ली, गौरव वाजपेयी। टेरर फंडिंग मामले में लश्कर-ए-तैयबा संस्थापक हाफिज सईद और कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक (Yasin Malik) को बड़ा झटका लगा है। एनआइए कोर्ट ने यासीन मलिक को दोषी करार दिया है। यासीन मलिक पर आपराधिक साजिश रचने, देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने और अन्य गैरकानूनी गतिविधी में शामिल रहने का आरोप है।

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यासीन मलिक को कितनी सजा होगी, इस पर 25 मई को बहस होगी। बता दें कि यासीन मलिक ने खुद कबूल किया था कि वह कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल था।

मलिक ने अदालत को बताया था कि वह अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों का मुकाबला नहीं कर रहा है, जिसमें धारा 16 (आतंकवादी अधिनियम), 17 (आतंकवादी अधिनियम के लिए धन जुटाना), 18 (आतंकवादी कृत्य करने की साजिश) और 20 (आतंकवादी संगठन गिरोह का सदस्य होना) शामिल हैं। यूएपीए की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और आईपीसी की धारा 124-ए (देशद्रोह)।

अदालत ने इससे पहले फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, शब्बीर शाह, मसर्रत आलम, मोहम्मद यूसुफ शाह, आफताब अहमद शाह, अल्ताफ अहमद शाह, नईम खान, मोहम्मद अकबर खांडे, राजा मेहराजुद्दीन कलवाल सहित कश्मीरी अलगाववादी नेताओं के खिलाफ औपचारिक रूप से आरोप तय किए थे। बशीर अहमद भट, जहूर अहमद शाह वटाली, शब्बीर अहमद शाह, अब्दुल राशिद शेख और नवल किशोर कपूर।

आरोप पत्र लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के खिलाफ भी दायर किया गया था, जिन्हें मामले में भगोड़ा घोषित किया गया है।

आरोपितों पर गैर कानूनी गतिविधि, देश विरोधी आपराधिक साजिश रचने के आरोप लगाए गए थे। अदालत ने इससे पहले 16 मार्च को टेरर फंडिंग मामले में आरोपितों के खिलाफ आरोप तय करने के आदेश दिए थे। हाफिज सईद व यासीन मलिक के अलावा मामले में शब्बीर शाह, मशरत आलम पर टेरर फंडिंग के तहत आरोपित तय करने और इसके अलावा राशिद इंजीनियर, जहूर अहमद शाह वताली, बिट्टा कराटे, अफताब अहमद शाह, नईम खान, बशीर अहमद भट, अलियास पीर सैफुल्लाह पर देश के विरुद्ध आपराधिक साजिश रचने, उन्माद फैलाने, और गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप थे।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले एनआईए के विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने कश्मीरी अलगाववादियों, आतंकियों और कारोबारियों से संबंधित मामले की 16 मार्च को सुनवाई करते हुए उनके खिलाफ आरोप तय करने के लिए कहा था। उन्होंने कहा था कि गवाहों के बयान व उपलब्ध साक्ष्य लगभग सभी आरोपितों को एक-दूसरे से जोड़ते हुए बताते हैं कि ये सभी कश्मीर को भारत से अलग करने के मकसद पर काम कर रहे थे। इसके लिए पाकिस्तान के दिशा-निर्देश और फंडिंग के जरिये आतंकी और आतंकी संगठनों से भी जुड़े हुए थे।


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