रेलवे का बड़ा फैसला, पार्किंग, कैटरिंग के ठेके होंगे ऑनलाइन
रेल परिसर में एटीएम, विज्ञापन एवं प्रचार से संबंधित मामलों के लिए जगह हासिल करने का ठेका भी ऑनलाइन दिया जाएगा।
नई दिल्ली, आइएएनएस। एक बड़े नीतिगत बदलाव में रेलवे में पार्किंग, कैटरिंग और सालाना करीब 3000 करोड़ रुपये की पार्सल-लीजिंग अब ई-टेंडरिंग प्रक्रिया के जरिये दी जाएगी। रेलवे ने कागज आधारित टेंडर व्यवस्था बंद करने का फैसला लिया है। रेल परिसर में एटीएम, विज्ञापन एवं प्रचार से संबंधित मामलों के लिए जगह हासिल करने का ठेका भी ऑनलाइन दिया जाएगा। यह कदम पारदर्शिता लाने और टेंडर की प्रक्रिया में अनावश्यक तत्वों पर रोक लगाने के लिए उठाया जा रहा है।
रेलवे के एक बड़े अधिकारी ने कहा, 'मौजूदा निविदा प्रणाली के खिलाफ शिकायतें मिली थी। पार्किंग, कैटरिंग और अन्य ठेका हथियाने के लिए समूह बनाने और निविदा प्रक्रिया में हस्तक्षेप की संभावना बनी रहती है।'
अभी तक इसके ठेके कागज आधारित पारंपरिक टेंडरिंग प्रक्रिया से दिए जाते हैं। यह सरकारी डिजिटल इंडिया मिशन के विरुद्ध है। रेलवे के सभी 17 जोनों और 70 डिवीजनों को ऐसे ठेके देने के लिए ई-टेंडर मोड अपनाने का निर्देश दिया गया है। पूर्ण बदलाव से पहले रेलवे ने दिल्ली डिवीजन में पार्सल-लीजिंग के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। यह प्रयास सफल रहा है। रेलवे की साफ्टवेयर शाखा सेंटर फार रेलवे इन्फार्मेशन सिस्टम (सीआरआइएस) को ई-टेंडरिंग को बाधा रहित बनाने का जिम्मा सौंपा गया है।