एक सोच को आकार दे रही काशी की बहू
काशी की पौराणिकता व ऐतिहासिकता से वशीभूत होकर नगालैंड के मोकोक्चुंग जिले से बनारस आई तेम्सतुला इम्सोंग अब यहां के खजुरी चट्टी गांव में स्वच्छता की सोच को आकार दे रही हैं। गांव के हर घर में शौचालय बनवाना इनका संकल्प है। काशी के प्रभु घाट पर स्वच्छता अभियान से
वाराणसी। काशी की पौराणिकता व ऐतिहासिकता से वशीभूत होकर नगालैंड के मोकोक्चुंग जिले से बनारस आई तेम्सतुला इम्सोंग अब यहां के खजुरी चट्टी गांव में स्वच्छता की सोच को आकार दे रही हैं। गांव के हर घर में शौचालय बनवाना इनका संकल्प है। काशी के प्रभु घाट पर स्वच्छता अभियान से जुड़ी तेम्सतुला के प्रयास की प्रधानमंत्री मोदी स्वयं अपने वेब पेज पर प्रशंसा कर चुके हैं।
भाजपा के स्थानीय तकनीकी प्रकोष्ठ के पदाधिकारी शैलेष की पत्नी तेम्सतुला काशी की वधू के रूप में मिर्जामुराद के खजुरी चट्टी गांव में बालिका वधू प्रथा को रोकने का भी काम कर रही हैं। दैनिक जागरण से बातचीत में उन्होंने बताया कि जनवरी, 2015 में व्यक्तिगत काम से उनका खजुरी चट्टी गांव जाना हुआ था। तब गांव की एक किशोरी ने उनसे यह गुहार लगाई कि उसके माता-पिता को समझाएं कि उसकी शादी अभी न करें। इस गुहार ने गांव से उनका रिश्ता जोड़ दिया। लड़की के माता पिता को जब उन्होंने समझाया तो पूरे गांव ने उनकी बात को सुना। तेम्सतुला ने ग्रामीणों की मजबूरियों को जाना और फिर गांव को ही गोद ले लिया। अपने नाम के अर्थ के अनुरूप (सलीके से विकास करना) गांव के विकास की योजना बनाई।
तेम्सतुला ने अपनी सहयोगी मलदहिया निवासी दर्शिका के साथ गांव के विकास की योजना बनाई और सर्वप्रथम गांव की जनगणना की। गांव के हर सदस्य का एक कार्ड तैयार कर रही हैं जिसमें उनकी जन्म तिथि, उम्र, नाम पता समेत अन्य जानकारियां हैं। उनका कहना है कि ऐसा करने के पीछे उद्देश्य है कि सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में तकनीकी बाधा न हो। वह समय-समय पर सहयोगियों के साथ लड़कियों को शिक्षित भी करती हैं। गांव की लड़कियां आत्मनिर्भर बनें, इसके लिए एक लड़की को सिलाई मशीन दी और प्रशिक्षण भी। वह लड़की बाकी लड़कियों को प्रशिक्षित कर रही है। अब गांव की किसी लड़की को मोबाइल देकर उनकी योजना मोबाइल रिचार्ज करवाने की है। जैसे-जैसे मदद मिलती जाएगी, हर घर में शौचालय भी बनवाएंगी।
प्रभु घाट पर साफ सफाई
एक ओर जहां काशी के कुछ लोग हर जगह गंदगी करने से गुरेज नहीं करते, वहीं तेम्सतुला ने गंदगी के खिलाफ अभियान छेड़कर ऐसे लोगों को आईना दिखाया है। इसके लिए उन्होंने गंगा तीरे प्रभु घाट का चयन किया। तेम्सतुला भावी योजनाओं के बारे में बताती हैं कि साफ सफाई को लेकर सिर्फ प्रभु घाट ही नहीं, हरिश्चंद्र घाट तक जितने घाट गंदे हैं, उन्हें स्वच्छ बनाने की योजना है। जैसे जैसे लोग जुड़ते जाएंगे यह अभियान दूसरे घाटों पर भी मूर्त रूप लेगा। उन्होंने हंसते हुए कहा-सुंदरपुर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में भी सप्ताह में एक दिन बच्चों को पढ़ा देती हूं ..या यूं कहूं कि खुद पढ़ लेती हूं।
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