दूरसंचार विभाग के सर्वे ने खोली कॉल ड्रॉप की पोल
विभाग के अनुसार इस सर्वे में 2,20,935 ग्राहकों ने भाग लिया। इनमें से 1,38,072 ग्राहकों (करीब 62.5 फीसद) ने कॉल ड्रॉप की शिकायत की।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पिछले कुछ समय से सरकार और टेलीकॉम आपरेटर कॉल ड्राप में कमी का दावा करते आ रहे हैं। लेकिन एक सर्वे ने इन दावों की पोल खोल दी है। जिसके अनुसार 62.5 फीसद उपभोक्ता कॉल ड्राप से परेशान हैं। यह सर्वे किसी और ने नहीं बल्कि खुद दूरसंचार विभाग ने किया है।
विभाग के अनुसार इस सर्वे में 2,20,935 ग्राहकों ने भाग लिया। इनमें से 1,38,072 ग्राहकों (करीब 62.5 फीसद) ने कॉल ड्रॉप की शिकायत की। ऑटोमेटेड काल सर्विस अथवा इंटीग्रेटेड वॉइस रिस्पांस सिस्टम (आइवीआरएस) द्वारा 23 दिसंबर, 2016 से 28 फरवरी, 2017 के दरम्यान किए गए सर्वे में ग्राहकों से मोबाइल कॉल्स की गुणवत्ता के बारे में सीधे फीडबैक लिया गया था।
इस दौरान आइवीआरएस की ओर से देश भर में समस्त दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टेलीकॉम आपरेटर) से जुड़े ग्राहकों को 16.61 लाख कॉल्स कर उनसे उनका अनुभव जानने के लिए सवाल पूछे गए। ग्राहकों के उत्तरों से पता चलता है कि कॉल ड्राप की समस्या घरों और दफ्तरों के भीतर ज्यादा गंभीर है। दूरसंचार विभाग हर हफ्ते टेलीकॉम आपरेटरों को आइवीआरएस का फीडबैक प्रदान करता है और उनसे शिकायतें दूर करने के लिए कहता है।15 फरवरी-28 फरवरी, 2017 के दौरान टेलीकॉम आपरेटरों ने 43,403 शिकायतों पर जांच का भरोसा दिया।
आइवीआरएस के तहत टेलीफोन कॉल के बाद ग्राहकों को एसएमएस भेजकर कॉल ड्राप के बारे में अतिरिक्त सूचनाएं मांगी जाती हैं। उपरोक्त पखवाड़े के दौरान 7,201 ग्राहकों से अतिरिक्त सूचनाएं ली गई और उनमें से 2,467 मामलों का समाधान किया गया। इसके लिए निर्देशों के जरिए अथवा टावर स्थलों का दौरा कर टेलीकॉम उपकरणों की हार्डवेयर तथा पावर संबंधी तकनीकी खामियों को दुरुस्त कराया गया।
दूरसंचार विभाग के अनुसार जबसे आइवीआरएस लागू हुआ है, कुल मिलाकर 9,328 मामलों का समाधान कियया जा चुका है। जबकि कॉल ड्रॉप से इतर समस्याओं वाले 5,529 मामलों का अलग से निस्तारण किया गया है।
इस बीच इकॉल ड्रॉप से निपटने के लिए टेलीकॉम आपरेटरों ने लगभग 603 नई साइटें/बूस्टर लगाने का निर्णय भी लिया है। आइवीआरएस से जुड़े विभिन्न मसलों व शिकायतों पर चर्चा के लिए दूरसंचार विभाग का कार्यबल हर महीने टेलीकॉम आपरेटरों के साथ बैठक करता है। संचारमंत्री मनोज सिन्हा व उनका कार्यालय भी समय-समय पर इसे लेकर समीक्षा बैठक करते हैं।
जून, 2016 से फरवरी, 2017 के दौरान टेलीकॉम आपरेटरों ने देश भर में तकरीबन 2,12,917 अतिरिक्त बीटीएस (बेस ट्रांसीवर स्टेशन अथवा मोबाइल साइट्स या टावर) लगा दिए थे। पिछले दो सालों में अकेले एयरटेल ने अपनी मोबाइल साइटों की संख्या दो गुनी कर दी है। इस दौरान उसने 1,80,000 साइटें स्थापित की है जोशुरुआती 20 वर्षो में स्थापित साइटों के बराबर है।
कंपनी ने 'प्रोजेक्ट लीप' के तहत तीन वर्षो में 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश का वादा किया है। भारती एयरटेल के निदेशक, नेटवर्क्स अभय सवरगांवकर के अनुसार, 'एयरटेल ने अपनी कुल ट्रांसमिशन क्षमता को दोगुना कर लिया है और सभी 22 टेलीकॉम सर्किलों में 4जी व 3जी कवरेज के साथ हाईस्पीड ब्रॉडबैंड नेटवर्क देने के लिए मोबाइल बैकडॉल क्षमता को आठ गुना तक बढ़ा दिया है।'