दूरसंचार आयोग ने दी नेट न्यूट्रैलिटी को हरी झंडी, इंटरनेट सेवाओं व कंटेंट में नहीं होगा भेदभाव
हालांकि कुछ महत्वपूर्ण एल्पीकेशन जैसे- रिमोट सर्जरी या ऑटोनामस कारों को इसके दायरे से बाहर रखा गया है।
नई दिल्ली(एजेंसी)। दूरसंचार आयोग ने बुधवार को नेट न्यूट्रैलिटी (इंटरनेट की आजादी) के नए नियमों को मंजूरी दे दी। इससे देश में इंटरनेट सेवाओं के मामले में भेदभाव नहीं किया जा सकेगा। कोई भी इंटरनेट सेवा प्रदाता कंपनी अपनी कंटेंट व सर्विसेज को बंद या कम-ज्यादा नहीं कर सकेगी। हालांकि कुछ महत्वपूर्ण एल्पीकेशन जैसे- रिमोट सर्जरी या ऑटोनामस कारों को इसके दायरे से बाहर रखा गया है।
दूरसंचार सचिव अरणा सुंदरराजन ने बताया कि ट्राई के विशेषज्ञों द्वारा की गई सिफारिशों के अनुसार नेट न्यूट्रैलिटी को मंजूरी दी गई है। हालांकि कुछ चुनिंदा सेवाओं को इससे बाहर रखा गया है। आयोग ने नई दूरसंचार नीति 2018 को भी हरी झंडी दे दी है। अब यह मंत्रिमंडल के विचारार्थ पेश की जाएगी। नई नीति को 'नेशनल डिजिटल कम्यूनिकेशन पॉलिसी 2018' नाम दिया गया है। बुनियादी ढांचे से ज्यादा जरूरी डिजिटल ढांचा सुंदरराजन ने बताया कि बुधवार को हुई दूरसंचार आयोग की बैठक में सभी की एक राय थी कि देश में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर से भी ज्यादा है।
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि सभी जिलों में जल्द से जल्द डिजिटल इंफ्रा उपलब्ध कराया जाना चाहिए ताकि देश में कारोबारी सुगमता और नीतिगत अनुकूल वातावरण तैयार किया जा सके।
पंचायतों में 12.5 लाख हॉटस्पॉट की मंजूरी
बैठक में मौजूद एक अफसर ने बताया कि आयोग ने देश की सभी ग्राम पंचायतों में 12.5 लाख वाई-फाई हॉटस्पॉट की मंजूरी दे दी है। दिसंबर 2018 तक यह काम हो जाएगा। इसके लिए करीब 6 हजार करोड़ का फंड रखा गया है।
यह है नेट न्यूट्रैलिटी
-इंटरनेट के कंटेंट बिना भेदभाव सबको मिले
-हर कंटेंट के लिए एक ही शुल्क
-बिजली, पानी की तरह नेट हो मूलभूत सुविधा
-चुनिंदा कंपनियों को खास सेवाओं पर पाबंदी हो
-अलग--अलग सेवाओं के लिए अलग-अलग शुल्क न हो