तेलंगाना HC ने सांप्रदायिक ट्वीट पर ट्विटर, केंद्र और राज्य सरकार को जारी किया नोटिस
तेलंगाना सरकार ने कोरोना वायरस को संप्रादायिक कार्यक्रम से जोड़ने वाले ट्वीट पर ट्वीटर केंद्र सरकार और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है।
हैदराबाद, एएनआइ। तेलंगाना उच्च न्यायालय ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर, केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है कि क्यों कुछ पोस्ट में कथित तौर पर कोरोना वायरस (सीओवीआईडी -19) को मुस्लिम समुदाय से जोड़ा गया और एक धार्मिक संगठन मार्च में राष्ट्रीय राजधानी में निजामुद्दीन में आयोजित क्रार्यक्रम से क्यों जुड़ें पोस्ट को क्यों नहीं हटाया गया।
मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान और न्यायमूर्ति बी विजयसेन की खंडपीठ वकील खाजा एजाजुद्दीन द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें सोशल नेटवर्किंग साइट के खिलाफ कथित अवैध प्रवृत्ति को रोकने के लिए निर्देश दिया गया था।
याचिकाकर्ता ने अदालत से राज्य सरकार को ट्विटर और उन उपयोगकर्ताओं के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध किया, जो अध्याय XV- अपराधों से संबंधित कथित तौर पर घृणा संदेशों को भारतीय दंड संहिता के धर्म से संबंधित और अन्य प्रासंगिक कानूनों के तहत प्रचलित कर रहे है।
याचिकाकर्ता ने अदालत से कैबिनेट सचिव और तेलंगाना गृह सचिव को भारत में सक्रिय सभी ऑनलाइन मीडिया नेटवर्क को इस्लामोफोबिक पोस्ट या संदेश भेजने या समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने से रोकने का निर्देश देने के लिए कहा है।
जानकारी के लिए बता दें कि देश में तेजी से कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। इस वक्त देश में कोरोना वायरस के 4 लाख से अधिक मामले हो गए हैं। देश में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले राज्यों में तेलंगाना दिल्ली और महाराष्ट्र हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अकेले महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के एक लाख से अधिक मामले हैं। वहीं देश में इस वक्त कोरोना के 178014 संक्रमित लोग हैं। कोरोना संक्रमित लोगों में से अब तक 248189 लोग ठीक हो चुके हैं। वहीं कोरोना के कारण अब तक देश में 14011 लोगों की मौत हो गई है।