Move to Jagran APP

गोदावरी पर दुनिया की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना पूरी, तीन राज्यों के CM ने किया उद्घाटन

ये परियोजना सबसे बड़ी ही नहीं बल्कि इसका निर्माण भी रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया है। इससे तीन राज्यों को पीने के पानी और सिंचाई के लिए पानी की किल्लत से छुटकारा मिलेगा।

By Amit SinghEdited By: Published: Fri, 21 Jun 2019 02:01 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jun 2019 06:15 PM (IST)
गोदावरी पर दुनिया की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना पूरी, तीन राज्यों के CM ने किया उद्घाटन
गोदावरी पर दुनिया की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना पूरी, तीन राज्यों के CM ने किया उद्घाटन

हैदराबाद, जेएनएन। गोदावरी नदी पर दुनिया की सबसे बड़ी लिफ्ट सिंचाई परियोजना बनकर तैयार हो चुकी है। तीन राज्यों के मुख्यमंत्री ने शुक्रवार दोपहर एक साथ इस परियोजना का उद्घाटन किया। इसे कलेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना का नाम दिया गया है। तेलंगाना सरकार ने गोदावरी नदी पर दुनिया की सबसे बड़ी लिफ्ट सिंचाई योजना का निर्माण कराया है। इस परियोजना में 22 पंप हाउस शामिल हैं। इनके जरिए एक दिन में तीन टीएमसी पानी लेने की योजना है।

loksabha election banner

इस परियोजना के दो महत्वपूर्ण चरण हैं। पहले चरण में मेदिगड्डा, अन्नाराम, सुंडिला पंप हाउस पानी को लिफ्ट करने के लिए आंशिक रूप से तैयार किए गए हैं। दूसरे चरण में दुनिया का सबसे बड़ा भूमिगत पंप हाउस है, जो हर रोज दो टीएमसी पानी पंप करने की क्षमता रखता है। आज आंध्र प्रदेश व तेलंगाना के गवर्नर नरसिंहम गुरु, तेलंगान के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में इस परियोजना का उद्घाटन किया गया।

उद्घाटन समारोह में पहुंचे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि कलेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना महाराष्ट्र की जनता द्वारा तेलंगाना की जनता को दिया गया एक उपहार है। तेलंगाना सरकार ने रिकॉर्ड समय में इसका निर्माण कार्य पूरा कराया है। ये परियोजना तेलंगाना राज्य के लिए बड़ी कामयाबी है।

दुनिया की इस सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना को मात्र 24 माह में पूरा किया गया है। इस परियोजना के तहत गोदावरी नदी के पानी को पहले ही मेदिगड्डा पंप हाउस तक पहुँचाया जा चुका है। मोटरों का स्विच ऑन करने पर पानी फिर से गोदावरी नदी में पहुंचाया जा सकता है, जो डिलीवरी सीटर (भूमिगत पाइप) से होते हुए ऊपरी धारा पर स्थित अन्नाराम बैराज तक पहुँचता है।

परियोजना के निर्णाण में लगी एक प्रमुख कंपनी MEIL के अनुसार, “अभी तक पूरी दुनिया में इस तरह की विशाल लिफ्ट परियोजना का निर्माण नहीं हो सका है। यह पूरी दुनिया में अव्वल और सबसे विशाल लिफ्ट परियोजना है। इस परियोजना में हर रोज 3 टीएमसी पानी पंप करने के लिए 7152 मेगावाट बिजली की दरकार होगी। पहले चरण के तौर पर 4992 मेगावाट बिजली का इस्तेमाल 2 टीएमसी पानी पंप करने के लिए किया जा रहा है। बिजली की बुनियादी जरूरतों के लिहाज से सभी काम पूरे हो चुके हैं। पम्पिंग घरों से जुड़े सिविल कार्य को रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया।”

अभी ये हैं सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना

फिलहाल अमेरिका की कोलोराडो लिफ्ट योजना, मिस्र की मानव निर्मित नदी पर बनी योजना को दुनिया की सबसे बड़ी सिंचाई योजना माना जाता है। इन योजनाओं की क्षमता अश्वशक्ति में है और उन्हें पूरा होने में करीब तीन दशक लगे थे। वर्ष 2000 से तेलुगु राज्यों में बड़े पैमाने पर लिफ्ट परियोजनाएँ शुरू हुईं। इनमें से हंड्री-नीवा, देवडुला, कलवाकुर्थी, नेटटम्पाडु, पट्टिसेमा, पुरुषोत्तमपुरम आदि प्रमुख हैं। गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों ने भी लिफ्ट योजनाएं शुरू की हैं। अब तक, भारी मशीनरी का उपयोग केवल कलवाकुर्ती लिफ्ट योजना के लिए ही किया जाता है, लेकिन इसकी अधिकतम क्षमता 40 मेगावाट तक ही है।

पम्प हाउसों के जरिए बने कई कीर्तिमान

मेडीगड्डा, अन्नाराम और सुंडिला पंप हाउस के लिए कुल 43 मशीनें स्थापित की गई हैं, प्रत्येक की क्षमता 40 मेगावाट है। लिंक -1 के ये तीन पंप हाउस लगभग 1720 मेगावाट बिजली की खपत करते हैं। पैकेज -8 में भूमिगत पंप हाउस में 7 इकाइयां (मशीनें) होंगी, जिनमें से 5 मशीनें प्रति दिन 2 टीएमसी पानी पंप (लिफ्ट) करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इनमें से हरेक मशीन की क्षमता 139 मेगावाट है। ऐसी बड़ी पंपिंग मशीनें दुनिया में कहीं नहीं हैं। यह भूमिगत पंप हाउस कुल 973 मेगावाट बिजली की खपत करता है।

ये है इसकी विशेषता

पंप हाउस की अहम खूबियों के बारे में बताते हुए MEIL के श्रीनिवास रेड्डी ने बताया, “इस पंप हाउस की विशिष्टता इसकी दो जुड़ी सुरंगें हैं, जिसे 10.5 मीटर व्यास के साथ जमीन को खोदकर बनाया गया है। आम तौर पर इन्हें बाईं और दाईं सुरंग कहा जाता है। जिसमें हरेक की लंबाई 4133 मीटर है। इन दोनों सुरंगों के लिए लाइनिंग का काम भी खत्म हो गया है। इस पंप हाउस के अलावा इसका सर्ज पूल भी दुनिया में सबसे बड़ा है। ऐसा पहली बार है कि जमीन के भीतर इस तरह के निर्माण को अंजाम दिया गया है। एक पंप हाउस के आकार के बारे में सोचें तो इसकी गहराई 330 मीटर, चौड़ाई 25 मीटर और ऊंचाई 65 मीटर है।

कैसे काम करता है ये प्रोजेक्ट

जो पानी पंप किया जाना है वह सबसे पहले सर्ज पूल तक पहुंचता है, जिसमें पंपिंग के लिए भारी मात्रा में पानी होना जरूरी है। पानी की इतनी बड़ी मात्रा को बनाए रखने के लिए तीन सर्ज पूलों का निर्माण किया गया है। 200x20x67.8 मीटर आयामों के साथ मुख्य सर्ज पूल का निर्माण और 60x20x69.5 मीटर्स के साथ एक अलग से सर्ज पूल का काम पहले ही पूरा हो चुका है। 115x25x64.75 मीटर्स आयामों के साथ जमीन के नीचे 189.5 मीटर्स के दूसरे चरण के पंपिंग स्टेशन का काम भी पूरा हो चुका है। ट्रांसफॉर्मर की खाड़ी का निर्माण पंप हाउस के नीचे किया जाता है, जो जमीन की सतह से 330 मीटर नीचे है। जमीन के नीचे 138 मीटर की दूरी पर वर्टिकल पंप स्थापित करना इस परियोजना की बड़ी खासियत है। पंप मोटर में से हरेक का वजन 2376 मीट्रिक टन है, और यह हर एक इकाई के आकार को दर्शाता है।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.