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बेदम निकले कांग्रेस के आरोप: जांच करने के लिए घर-घर पहुंचे बीएलओ, नहीं मिले फर्जी मतदात

कलेक्टरों द्वारा बूथ लेवल ऑफिसरों को घर-घर भेजकर कराए गए सत्यापन से एक बात साफ हो गई कि मतदाता सूची में उस तरह की गड़बड़‍ियां नहीं हैं, जैसा दावा किया जा रहा था।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Fri, 22 Jun 2018 02:51 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jun 2018 02:51 PM (IST)
बेदम निकले कांग्रेस के आरोप: जांच करने के लिए घर-घर पहुंचे बीएलओ, नहीं मिले फर्जी मतदात
बेदम निकले कांग्रेस के आरोप: जांच करने के लिए घर-घर पहुंचे बीएलओ, नहीं मिले फर्जी मतदात

भोपाल [ स्टेट ब्यूरो ]। कांग्रेस ने मध्य प्रदेश की मतदाता सूची में फर्जीवाड़े के आरोप लगाकर जो सनसनी फैला दी थी, वे बेदम निकली और आरोप प्रमाणित नहीं हो पाए। 26 लाख 76 हजार 231 फर्जी मतदाता होने का दावा था पर जांच में 20 लाख 34 हजार 172 तो घर पर ही मिल गए।

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1 लाख 76 हजार 564 व्यक्तियों के नाम सूची से या तो पहले ही हट चुके थे या फिर दर्ज ही नहीं पाए गए। सिर्फ 49 हजार 422 ऐसे मतदाता निकले, जिनके नाम मतदाता सूची से हटाए जाने की कार्रवाई की जानी है। कुल मिलाकर कलेक्टरों द्वारा बूथ लेवल ऑफिसरों को घर-घर भेजकर कराए गए सत्यापन से एक बात साफ हो गई कि मतदाता सूची में उस तरह की गड़बड़‍ियां नहीं हैं, जैसा दावा किया जा रहा था।

चुनाव आयोग के निर्देश पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सलीना सिंह की अगुवाई में कलेक्टर और निर्वाचन कार्यालय की टीम ने बीते पांच दिन में 34 जिलों की 91 विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूची की दिन-रात जांच की।

इसकी रिपोर्ट बुधवार देर रात चुनाव आयोग को भेज दी गई। कांग्रेस ने चुनाव आयोग में शिकायत की थी कि उसकी टीम ने बहुत छोटे क्षेत्र में जांच करके क्लीनचिट दे दी। एक-एक मतदाता का सत्यापन कराया जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। आयोग ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को घर-घर टीम भेजकर भौतिक सत्यापन कराने के निर्देश 15 जून को दिए।

कलेक्टरों के माध्यम से हजारों बीएलओ को लगाकर जांच कराई गई। इसमें आरोप पूरी तरह प्रमाणित नहीं पाए गए। इन 34 जिलों की 91 विधानसभा सीटों में करीब 90 फीसद मतदाता पात्र निकले और सूची में दर्ज पते पर ही पाए गए। शिकायत में जो आरोप लगाए गए थे, उन क्षेत्रों में 7.81 प्रतिशत मतदाताओं के नाम पहले ही अपात्र होने की वजह से हटाए जा चुके हैं।

2.91 फीसद मतदाता के नाम विलोपन (हटाने) योग्य पाए गए हैं पर पहले इनकी व्यापक पड़ताल होगी, फिर नाम हटाए जाएंगे, क्योंकि कई बार अनुपस्थित या स्थानांतरित मतदाता वापस लौट आते हैं।

3.67 लाख मतदाताओं की जांच बाकी

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि 26 लाख 76 हजार 231 मतदाताओं में से 3 लाख 67 हजार 73 मतदाताओं की जांच होना बाकी है। इनकी पड़ताल करके रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजी जाएगी। बाकी जिलों में भी जांच चल रही है। ये एक सतत प्रक्रिया है। समान चेहरे वाली शिकायत की जांच बाकी मतदाता सूची में समान चेहरे वाले कई मतदाताओं की शिकायत पर कार्रवाई होना अभी बाकी है। इसके लिए विशेष सॉफ्टवेयर की मदद से जांच का काम चल रहा है।

31 जुलाई को मतदाता सूची का प्रारंभिक प्रकाशन होगा। इसके बाद दावे-आपत्ति का सिलसिला शुरू हो जाएगा। 27 सितंबर को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा। इस दौरान नाम जोड़ने, संशोधन और हटाने का काम चलेगा। 4.99 करोड़ रह गए मतदाता प्रदेश में अपात्रों के नाम मतदाता सूची से हटाने के बाद अब मतदान के योग्य मतदाताओं की संख्या 4 करोड़ 99 लाख 34 रह गई है। यह संख्या पहले 5 करोड़ 1 लाख 96 हजार 47 थी।

कांग्रेस की शिकायत का आधार पुरानी सूची

सलीना सिंह मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने चुनाव आयोग को जांच रिपोर्ट भेजने के बाद बताया कि कांग्रेस की शिकायत जनवरी 2018 की मतदाता सूची के आधार पर थी। मई तक हम 10 लाख 31 हजार 812 अनुपस्थित, स्थानांतरित, मृत और दोहरी प्रविष्टि वाले मतदाताओं के नाम हटा चुके थे।

ऐसे कुल 13 लाख मतदाताओं की पहचान हुई थी। बाकी नाम हटाने की प्रक्रिया चल रही है। इसके पहले भी पिछले साल 3 लाख 83 हजार अपात्र मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जा चुके हैं। जांच में जहां मतदाता स्वयं उपस्थित नहीं थे, वहां स्थानीय व्यक्ति और परिजनों से सत्यापन कराया गया है। एक-एक मतदाता के घर टीम पहुंची।


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