न्यू इंडिया के विजन में शिक्षकों की केंद्रीय भूमिका : मोदी
म्यांमार गये पीएम मोदी ने शिक्षक दिवस पर भेजे अपने संदेश में कहा, 'शिक्षक दिवस पर मैं शिक्षक समुदाय को सलाम करता हूं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों को शुभकामनाएं दीं। साथ ही अपने संदेश में कहा, 'न्यू इंडिया के विजन का अहसास कराने में शिक्षकों की केंद्रीय भूमिका है।' प्रधानमंत्री ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि भी दी। इस मौके पर पहली बार परंपरा के विपरीत राष्ट्रपति के बजाय उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बाद में राष्ट्रपति भवन में पुरस्कृत 219 शिक्षकों से मुलाकात की।
म्यांमार गये पीएम मोदी ने शिक्षक दिवस पर भेजे अपने संदेश में कहा, 'शिक्षक दिवस पर मैं शिक्षक समुदाय को सलाम करता हूं। वह समाज में शिक्षा की खुशियां बिखेर रहे हैं और बुद्धि बल को समृद्ध कर रहे हैं।' उन्होंने कहा कि गहन शोध और आविष्कार के बाद 'न्यू इंडिया' के सपने का अहसास कराने में शिक्षकों ने केंद्रीय भूमिका निभाई है। अगले पांच साल शिक्षण बदलाव के लिये, शिक्षा सशक्तिकरण के लिये और सीखना नेतृत्व करने के लिये होना चाहिये।
On Teachers' Day, I salute the teaching community that is devoted to nurturing minds & spreading the joys of education in society.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 4, 2017
My tributes to Dr. S Radhakrishnan, an outstanding teacher and statesman on his birth anniversary.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 4, 2017
इस बीच, नई दिल्ली के विज्ञान भवन में उप राष्ट्रपति नायडू ने 1958 से दिये जा रहे राष्ट्रीय पुरस्कार चयनित 219 शिक्षकों को दिये। यह सभी शिक्षक देश के विभिन्न प्राथमिक, मिडिल और माध्यमिक स्कूलों से हैं। नायडू ने सम्मानित किये गये शिक्षकों को 'अनसंग हीरो' बताते हुए कहा कि शिक्षक 'भारत भाग्य विधाता' हैं। वह अपने समय और ऊर्जा न्यू इंडिया की रचना करने वाले व्यक्तित्वों के निर्माण में लगाते हैं। अब शिक्षकों पर अगले पांच साल में देश में सौ फीसद साक्षरता लाने की जिम्मेदारी है। पहले दुनिया के लोग भारत को विश्व गुरू बुलाते थे। नालंदा और तक्षशिला में विश्व भर से लोग पढ़ने आते थे। आज सभी शिक्षकों को कक्षा को मजेदार तरीके से सीखने का गढ़ बनाने का प्रण लेना होगा।
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