टीडीबी ने सबरीमाला पर सुप्रीम कोर्ट में रुख बदलने वाले कमिश्नर से मांगा जवाब
सबरीमाला मंदिर की व्यवस्थाओं का संचालन करने वाले त्रावणकोर देवास्वम बोर्ड की ओर से 28 सितंबर के आदेश का क्रियान्वयन स्थगित करने और कुछ समय देने की मांग की गई है।
तिरुअनंतपुरम, प्रेट्र। सबरीमाला मंदिर की व्यवस्थाओं का संचालन करने वाले त्रावणकोर देवास्वम बोर्ड (टीडीबी) में सुप्रीम कोर्ट में रुख बदलने पर खींचतान शुरू हो गई है। बोर्ड के प्रमुख ने इस बाबत देवास्वम कमिश्नर से जवाब मांगा है। बुधवार को शीर्ष न्यायालय में हुई सुनवाई में भगवान अयप्पा के दर्शन के लिए सभी महिलाओं को अनुमति दिए जाने के आदेश का टीडीबी ने समर्थन किया था। जबकि पहले बोर्ड के पदाधिकारी पुरानी परंपरा की दुहाई देते थे।
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर, 2018 को दिए अपने आदेश के विरोध में आईं पुनर्विचार याचिकाओं की सुनवाई की। केरल की वामपंथी नेतृत्व वाली सरकार पहले ही इस आदेश के पक्ष में खड़ी थी लेकिन टीडीबी ने पाला बदलकर सबको चौंका दिया।
सरकार ने पुनर्विचार याचिकाओं का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट से आदेश को न बदलने की अपील की है। पूर्व में इंडियन यंग लायर्स एसोसिएशन की जनहित याचिका का टीडीबी ने विरोध किया था। इस याचिका में सभी आयुवर्ग की महिलाओं को दर्शन की अनुमति दिए जाने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद याचिका की मांग मानने वाला आदेश दिया था।
टीडीबी प्रमुख ए पद्मकुमार ने कहा है कि बोर्ड की ओर से वास्तव में 28 सितंबर के आदेश का क्रियान्वयन स्थगित करने और कुछ समय देने की मांग की गई है। टीडीबी ने सुप्रीम कोर्ट में इस बाबत लिखित अनुरोध किया है।
बोर्ड प्रमुख ने बताया कि सुनवाई के दौरान बोर्ड के वकील को केवल तीन मिनट बोलने के लिए मिले। इस दौरान जब पीठ ने उनसे पूछा- क्या बोर्ड सभी आयुवर्ग की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश की अनुमति देने वाले आदेश का समर्थन करता है। स्वाभाविक रूप से बोर्ड के वकील ने हां में जवाब दिया। कोर्ट रूम के अंदर के वाकये के बारे में उन्हें यह प्रारंभिक जानकारी मिली है।
बोर्ड के कमिश्नर एन वासु को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के सिलसिले में नई दिल्ली भेजा गया था। वह वापस आकर पूरे घटनाक्रम के बारे में बताएंगे। कोर्ट में रुख बदलने के सिलसिले में उनसे जवाब मांगा गया है। इस बीच वासु ने कहा है कि प्रमुख पद्मकुमार की अनुमति के बगैर कुछ नहीं किया गया है। बोर्ड ने पहले ही कहा था कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के साथ है और वह उसे लागू करेगा। इस बात को बुधवार की सुनवाई में कहा गया है।
डिवोटीज एसोसिएशन की खुद को सुनने की मांग
नेशनल अयप्पा डिवोटीज एसोसिएशन ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से अपना फैसला सुरक्षित किए जाने वाले निर्णय को वापस लेने की मांग की है। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने बुधवार को सबरीमाला से संबंधित कुल 65 याचिकाओं की सुनवाई की थी। इनमें 56 पुनर्विचार याचिकाएं थीं। एसोसिएशन के अधिवक्ता को सुनवाई के समय पीठ ने बोलने की अनुमति नहीं दी। उनसे तीन दिन के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा गया है, लेकिन एसोसिएशन मौखिक रूप से अपना पक्ष रखना चाहती है।