करदाताओं को ऑनलाइन जवाब देने को पांच दिन की मोहलत
आयकर विभाग ने एक ट्वीट के जरिये जानकारी दी कि बैंकों में नकदी जमा करने पर पूछे गये सवालों के ऑनलाइन जवाब दाखिल करने का समय बढ़ा दिया गया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र । सरकार ने आयकर विभाग द्वारा एसएमएस और ई-मेल के जरिये पूछे गये सवालों के जवाब देने के लिए करदाताओं को पांच दिन का अतिरिक्त समय दे दिया है। करदाता इन सवालों के जवाब 15 फरवरी तक दे सकेंगे। नोटबंदी के बाद आयकर विभाग ने बड़ी संख्या में करदाताओं से उनकी आय के संबंध में सवाल पूछे हैं।
आयकर विभाग ने एक ट्वीट के जरिये जानकारी दी कि बैंकों में नकदी जमा करने पर पूछे गये सवालों के ऑनलाइन जवाब दाखिल करने का समय बढ़ा दिया गया है। करदाता अब 15 फरवरी तक जवाब दे सकेंगे। आयकर विभाग ने 31 जनवरी को ऑपरेशन क्लीन मनी नाम से अभियान शुरू किया था। इसके तहत उसने करीब 18 लाख करदाताओं को एसएमएस और ई-मेल भेजकर पांच लाख से ज्यादा संदिग्ध राशि बैंकों में जमा करने वालों से सवाल किये थे। इन लोगों को दस दिन के भीतर आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉन-ऑन करके जवाब देना था।
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आठ नवंबर को 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद किये जाने के बाद सरकार ने लोगों से ये नोट 30 दिसंबर तक अपने बैंक खातों में जमा करने को कहा था। विभाग ने बैंकों में जमा हुई नकदी के आंकड़े जुटाये और उन्हें दो लाख से 80 लाख रुपये और 80 लाख रुपये से ज्यादा के दो वर्गो में छांट लिये। इसके बाद इन आंकड़ों का करदाताओं से प्रोफाइल से मिलान किया गया और जिन करदाताओं की जमा राशि उनके प्रोफाइल से मिलान नहीं खाती थी, उन्हें एसएमएस व ई-मेल भेजकर सवाल पूछे गये थे।
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ईमानदार करदाताओं को सम्मान दे अधिकारी : सीबीडीटी
नई दिल्ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर विभाग से जनता से व्यवहार में जवाबदेही और ईमानदारी सुनिश्चित करने को कहा है। उसने कहा है कि ईमानदार और पूरा कर चुकाने वाले करदाताओं के साथ सम्मान और शिष्टाचार के साथ व्यवहार किया जाए। सीबीडीटी के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने अधिकारियों को भेजे एक पत्र में कहा है कि अगर कोई कर्मचारी सही व्यवहार नहीं करता है तो तुरंत नियमानुसार कार्रवाई की जाए। चंद्रा ने पत्र में कहा है कि जैसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी दोहराया है, अधिकारियों और कर्मचारियों को रेपिड यानी राजस्व, जवाबदेही, सम्मान, सूचना और डिजिटाइजेशन के रास्ते पर चलना चाहिए।