जानलेवा बीमारी के इलाज के लिए आयातित दवाओं पर टैक्स राहत
सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय ने जीएसटी काउंसिल की हाल में हुई 26वीं बैठक के एजेंडा में इस आशय का एक प्रस्ताव भी शामिल किया था हालांकि इस पर अभी कोई निर्णय नहीं हो पाया।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। जानलेवा बीमारियों से पीड़ित मरीज के इलाज के लिए विदेश से दवाएं और उपकरण आयात करने पर टैक्स में राहत मिल सकती है। सरकार जल्द इस दिशा में कदम उठा सकती है। माना जा रहा है कि जानलेवा बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं और उपकरणों के आयात को आइजीएसटी से छूट दी जा सकती है।
आइजीएसटी का मतलब है, इंटीग्रेटेड जीएसटी। आइजीएसटी विदेश से आयात और अंतरराज्यीय कारोबार पर लगता है। सूत्रों ने कहा कि एक जुलाई 2017 से देश में जीएसटी लागू होने से पहले जानलेवा बीमारी से पीडि़त कोई मरीज अगर इलाज के लिए दवाइयां या उपकरण आयात करता था तो उसे आयात शुल्क में छूट प्राप्त थी। ऐसे मामलों में दो करोड़ रुपये तक मूल्य के आयात को वित्त मंत्री की मंजूरी से कस्टम कानून 1962 की धारा 25 (2) के तहत छूट दी जाती थी। हालांकि जीएसटी लागू होने के बाद टैक्स में छूट देने की शक्ति जीएसटी काउंसिल के पास चली गयी है। इसलिए अब पुन: यह राहत देने के इरादे से वित्त मंत्रालय ने कदम उठाया है।
सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय ने जीएसटी काउंसिल की हाल में हुई 26वीं बैठक के एजेंडा में इस आशय का एक प्रस्ताव भी शामिल किया था हालांकि इस पर अभी कोई निर्णय नहीं हो पाया। सूत्रों ने कहा कि इस संबंध में मंत्रालय के पास आइजीएसटी छूट के संबंध में जो भी आग्रह आया है, उसे काउंसिल के समक्ष रखा जाएगा। काउंसिल की अगली बैठक में इस संबंध में कोई निर्णय होने के आसार हैं।
सूत्रों ने कहा कि जीएसटी काउंसिल की मंजूरी मिलने के बाद वित्त मंत्री की मंजूरी से ऐसे मामलों में टैक्स की राहत दी जा सकेगी। चैरिटेबल अस्पताल अगर मेडिकल या सर्जिकल उपकरण आयात करते हैं तो उन्हें भी टैक्स में राहत की यह सुविधा मिलेगी। साथ ही प्राकृतिक आपदा से प्रभावित लोगों के पुनर्वास तथा चैरिटेबल संस्थाओं और संगठनों द्वारा मुफ्त वितरण के लिए मंगायी जाने वाली वस्तुओं के आयात पर भी इसी तरह की टैक्स छूट की राहत दी जा सकेगी।