Move to Jagran APP

बजट 2018: छोटी व मझोली कंपनियों को बड़ी सौगात

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट 2018-19 में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमियों को बड़ी राहत दी है।

By Manish NegiEdited By: Published: Thu, 01 Feb 2018 11:54 PM (IST)Updated: Thu, 01 Feb 2018 11:54 PM (IST)
बजट 2018: छोटी व मझोली कंपनियों को बड़ी सौगात
बजट 2018: छोटी व मझोली कंपनियों को बड़ी सौगात

हरिकिशन शर्मा, नई दिल्ली। कारपोरेट टैक्स की दर में चरणबद्ध ढंग से कटौती की घोषणा पर अमल करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट 2018-19 में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमियों को बड़ी राहत दी है। जेटली ने सालाना 250 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए कारपोरेट टैक्स की दर 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने का ऐलान किया। सरकार के इस कदम से देश की 7 लाख कंपनियों में से 99 प्रतिशत कंपनियों को राहत मिलेगी लेकिन खजाने पर इससे सात हजार करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। सरकार ने हालांकि बड़ी कंपनियों को कारपोरेट टैक्स में कोई राहत नहीं दी है।

loksabha election banner

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को टैक्स में छूट मिलने से उनके पास निवेश के लिए अधिक धनराशि उपलब्ध होगी जिससे अंतत: रोजगार सृजन होगा। वित्त मंत्री ने यह घोषणा ऐसे समय की है जब उद्योग जगत को मोदी सरकार के अंतिम पूर्ण बजट से कारपोरेट टैक्स की दर में कटौती के वादे को पूरा करने की उम्मीद थी।

250 करोड़ रुपये तक टर्नओवर वाली कंपनियों को फायदा

वित्त मंत्री ने कारपोरेट टैक्स में जो कटौती की है उसका लाभ उन्हीं कंपनियों को होगा जिनका टर्नओवर वित्त वर्ष 2016-17 में 250 करोड़ रुपये था। देश में कुल सात ऐसी कंपनियां हैं जो हर साल आयकर रिटर्न दाखिल करती हैं। वित्त मंत्री का कहना है कि इनमें से 99 प्रतिशत कंपनियों को कारपोरेट टैक्स में कटौती का लाभ मिल जाएगा क्योंकि पिछले वित्त वर्ष में इनका टर्नओवर 250 करोड़ रुपये से कम था। हालांकि एक प्रतिशत कंपनियां ही ऐसी हैं जिनका सालाना टर्नओवर 250 करोड़ रुपये से अधिक है और उन्हें पूर्व की तरह 30 प्रतिशत की दर से कारपोरेट टैक्स देना होगा।

कारपोरेट टैक्स घटाने से 7000 करोड़ रुपये पड़ेगा खजाने पर बोझ

वित्त मंत्री ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम आकार की कंपनियों को जो राहत दी है उससे वित्त वर्ष 2018-19 में खजाने पर भारी भरकम 7,000 करोड़ रुपये का बोझ भी पड़ेगा। अगर 250 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए भी कारपोरेट टैक्स की दर में कटौती की जाती तो इससे खजाने पर और अधिक बोझ पड़ता। राजकोषीय अनुशासन बनाए रखने की चुनौती को ध्यान में रखते हुए ही वित्त मंत्री ने यह विकल्प चुना है।

उल्लेखनीय है कि पिछले बजट में वित्त मंत्री ने उन कंपनियों के लिए कारपोरेट टैक्स की दर 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने का ऐलान किया था जिनका टर्नओवर वित्त वर्ष 2015-16 में 50 करोड़ रुपये तक था। सरकार के इस कदम से आयकर रिटर्न दाखिल करने वाली 96 प्रतिशत कंपनियों को फायदा हुआ था। इसी से उत्साहित होकर उन्होंने सालाना 250 करोड़ रुपये तक टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए कारपोरेट टैक्स में कटौती की है।

एमएसएमई को ऋण मदद के लिए 3794 करोड़ रुपये

वित्त मंत्री ने एमएसएमई क्षेत्र को ऋण सहायता, पूंजी, ब्याज और इन्नोवेशन के लिए भारी भरकम 3794 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद मुहैया कराने की घोषणा भी की। साथ एमएसएमई क्षेत्र के फंसे कर्ज के संकट को दूर करने के लिए भी वित्त मंत्री ने उपाय करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि देश में एमएसएमई विकास और रोजगार के प्रमुख इंजन हैं।

रिटेल एंगेजमेंट प्लेटफार्म नेट्री के संस्थापक और सीईओ देसी वल्ली ने कहा कि एमएसएमई के क्षेत्र के लिए आवंटन तथा टैक्स की दर में कटौती से छोटी कंपनियों को संगठित क्षेत्र में शामिल होने को प्रोत्साहन मिलेगा और इससे पारदर्शिता आएगी।

बात पते की

थम्स अप: 99 प्रतिशत कंपनियों को होगा कारपोरेट टैक्स में कटौती का फायदा

थम्स डाउन : बड़ी कंपनियों के लिए नहीं की कारपोरेट टैक्स में कमी, बहुराष्ट्रीय कंपनियों को होगी निराशा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.