टाटा ने लगाया पुरानी एयरलाइंस पर एकाधिकार का आरोप
आरोप लगाया कि वे विवादित 5ः20 नियम के तहत तरजीही दर्जे के लिए गुटबाजी कर रही हैं और एकाधिकारवादी दबाव बना रही हैं।
नई दिल्ली। रतन टाटा ने पुरानी विमानन कंपनियों पर आरोप लगाया कि वे विवादित 5:20 नियम के तहत तरजीही दर्जे के लिए गुटबाजी कर रही हैं और एकाधिकारवादी दबाव बना रही हैं। यह नियम नई विमानन कंपनियों को विदेशी उड़ानों से प्रतिबंधित करता है।
टाटा के इस आरोप पर स्पाइसजेट प्रमुख अजय सिंह ने कहा कि बेहतर होगा कि टाटा ग्रुप से जुड़ी विमानन कंपनियां विस्तारा और एयरएशिया इंडिया अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की अनुमति चाहने से पहले भारत में सेवाएं दें। सिंह ने आरोप लगाया कि टाटा ग्रुप से जुड़ी दोनों विमानन कंपनियों का नियंत्रण एक तरह से विदेशी मूल कंपनियों के पास है।
उन्होंने कहा कि दोनों कंपनियों ने लाइसेंस के लिए आवेदन करते समय 5.20 नियम का अनुपालन करने की शपथ ली थी, लेकिन अब वे इस नियम का विरोध कर रही हैं।
टाटा से जुड़ी कंपनियों यह परेशानीटाटा ग्रुप एयर एशिया इंडिया और विस्तारा का ऑपरेशन संयुक्त उपक्रम के जरिए करता है। ये कंपनियां फिलहाल 5:20 नियम के तहत अंतरराष्ट्रीय परिचालन की पात्रता नहीं रखतीं। इसके तहत अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की परमिट के लिए कंपनी के पास पांच साल घरेलू उड़ान का अनुभव और कम से कम 20 विमानों का बेड़ा होना जरूरी है। नई नीति पर हो रहा कामसरकार फिलहाल नई नागर विमानन नीति को अंतिम रूप दे रही है।
इसके तहत एक प्रस्ताव 5:20 नियम को समाप्त करने का भी है। स्पाइसजेट, जेट एयरवेज, इंडिगो और गोएयर जैसी कुछ पुरानी विमानन कंपनियों ने जहां 5:20 नियम खत्म करने के किसी भी कदम का जोरदार विरोध किया है, वहीं टाटा ने यह विवादास्पद नियम हटाने के नगर विमानन मंत्रालय के प्रस्ताव की सराहना की।
संरक्षण और तरजीह के लिए मौजूदा एयरलाइनों द्वारा गुटबाजी को खेदपूर्ण करार देते हुए टाटा ने ट्विटर पर कहा कि प्रतिस्पर्धा से भय खाने वाली निहित स्वार्थी कंपनियां इस तरह का एकाधिकार वाला दबाव बनाती हैं।
नियमों में गलत क्या हैः सिंह
टाटा के आरोप के जवाब में स्पाइसजेट प्रमुख सिंह ने कहा कि सभी विमानन कंपनियों को विदेशी उड़ानों का अधिकार देने से पहले हमारे महान देश की सेवा करने को कहा गया था। हमने गर्व के साथ देश की सेवा की। "इसमें गलत क्या है यदि इन दो विदेश नियंत्रित एयरलाइनों को भारत की सेवा करने के लिए कहा जाता है।"