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मिस्त्री का सवालों भरा ई-मेल, टाटा समूह को देने होंगे संगीन आरोपों के जवाब

साइरस मिस्त्री ने टाटा समूह और उड्डयन कंपनी एयर एशिया के बीच हुए कारोबार समझौते में भ्रष्टाचार की तरफ इशारा किया है।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Wed, 26 Oct 2016 10:40 PM (IST)Updated: Thu, 27 Oct 2016 08:54 AM (IST)
मिस्त्री का सवालों भरा ई-मेल, टाटा समूह को देने होंगे संगीन आरोपों के जवाब

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली । साइरस मिस्त्री की तरफ से टाटा समूह के निदेशक बोर्ड को लिखे ई-मेल में कई गंभीर आरोप लगा कर मौजूदा चेयरमैन रतन टाटा के लिए एक असहज स्थिति तो पैदा कर दी है लेकिन इससे पूरे समूह के लिए आने वाले दिनों में गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं। साइरस मिस्त्री ने टाटा समूह और उड्डयन कंपनी एयर एशिया के बीच हुए कारोबार समझौते में भ्रष्टाचार की तरफ इशारा किया है। जानकारों की मानें तो सरकार की एजेंसियां इस पत्र के आधार पर जांच शुरु कर सकती हैं। जाहिर है कि टाटा समूह इन आरोपों पर चुप नहीं रह सकती है।

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टाटा समूह का निदेशक बोर्ड भले ही अभी आधिकारिक तौर पर मिस्त्री के ई-मेल में उठाये गये सवालों का कोई जवाब नहीं दे रहा हो लेकिन ये आरोप इतने सनसनीखेज हैं कि बोर्ड को इनके जवाब देने होंगे। समूह की तरफ से अगले एक दो दिनों के भीतर सार्वजनिक बयान दिए जाने के आसार हैं। वैसे टाटा समूह के सूत्रों ने फिलहाल मिस्त्री के आरोपों को एक सिरे से खारिज किया है।

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सूत्रों का कहना है कि एक तरफ साइरस मिस्त्री कहते हैं कि उन्हें फैसला करने की आजादी नहीं थी जबकि दूसरी तरफ वह यह भी कहते हैं कि उनके कार्यकाल में काफी उपलब्धियां हासिल की गई। यह अपने आप में विरोधाभासी हैं। साथ ही निदेशक बोर्ड ने मौजूदा नियम कानून के तहत ही मिस्त्री को निष्कासित किया है। समूह के सूत्रों का यह भी कहना है कि मिस्त्री ने पूर्व में इन मुद्दों को क्यों नहीं उठाया।

जानकारों के मुताबिक समूह के एक पूर्व चेयरमैन ने न सिर्फ कंपनी के भीतर कारपोरेट गवर्नेस की बखिया उधेड़ दी है बल्कि भ्रष्टाचार की तरफ भी इशारा किया है। मिस्त्री ने ई-मेल में एयर एशिया व टाटा समूह के बीच हुए संयुक्त उद्यम का हवाला दिया है और फॉरेंसिक जांच का उल्लेख करते हुए कहा है कि 'भारत व सिंगापुर के बीच 22 करोड़ रुपये के कथित लेन देन का मामला उजागर हुआ था।' इस सूचना के आधार पर एजेंसियां स्वत: तरीके से जांच शुरु कर सकती हैं जो टाटा समूह के इमेज के लिए काफी नकारात्मक होगा।

वैसे मिस्त्री ने संकेतों मे यह भी कहा है कि एविएशन को लेकर पूर्व चेयरमैन और मौजूदा अंतरिम चेयरमैन रतन टाटा का इतना ज्यादा भावनात्मक लगाव था कि निदेशक बोर्ड की तरफ से इसमें लगातार पूंजी लगाई गई। एयर एशिया के साथ बातचीत के बाद टाटा समूह ने सिंगापुर एयरलाइंस के साथ संयुक्त उद्यम किया। मिस्त्री ने लिखा है कि इस बारे में अनुभव नहीं होने के बावजूद उन्हें 51 फीसद हिस्सेदारी को लेकर फैसला करना पड़ा।


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