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खान एकेडमी-टाटा ट्रस्ट देंगे ऑनलाइन शिक्षा

दुनिया भर के कई देशों में विश्वस्तरीय आनलाइन शिक्षा मुहैया कराने वाली खान एकेडमी भारत में भी मुफ्त ऑनलाइन शिक्षा का जरिया बनने जा रही है। इसके लिए टाटा ट्रस्ट और खान एकेडमी ने हाथ मिलाया है। टाटा ट्रस्ट पांच साल तक खान एकेडमी को देश में आनलाइन शिक्षा उपलब्ध

By Atul GuptaEdited By: Published: Mon, 07 Dec 2015 09:10 AM (IST)Updated: Mon, 07 Dec 2015 09:23 AM (IST)
खान एकेडमी-टाटा ट्रस्ट देंगे ऑनलाइन शिक्षा

मुंबई, [नितिन प्रधान]। दुनिया भर के कई देशों में विश्वस्तरीय आनलाइन शिक्षा मुहैया कराने वाली खान एकेडमी भारत में भी मुफ्त ऑनलाइन शिक्षा का जरिया बनने जा रही है। इसके लिए टाटा ट्रस्ट और खान एकेडमी ने हाथ मिलाया है। टाटा ट्रस्ट पांच साल तक खान एकेडमी को देश में आनलाइन शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए जरूरी ढांचा तैयार करने में मदद करेगा।

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इस मदद के तहत कंटेंट तैयार करने से लेकर शिक्षकों की टीम बनाना भी शामिल है। टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा और खान एकेडमी के संस्थापक व सीईओ सलमान खान ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि इस गठजोड़ का उद्देश्य देश में टेक्नोलाजी का इस्तेमाल करते हुए बच्चों को विश्व स्तर की शिक्षा उपलब्ध कराना है। खान एकेडमी बिना किसी शुल्क लिए बच्चों के लिए शिक्षा कार्यक्रम तैयार कर मुफ्त उपलब्ध कराती है।

सलमान खान ने बताया कि भारत में वह अंग्रेजी के साथ साथ हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में भी शैक्षणिक कार्यक्रम तैयार कर आनलाइन उपलब्ध कराएंगे। इसके लिए खान एकेडमी का हिंदी का पोर्टल तैयार हो गया है। अन्य भारतीय भाषाओं पर बाद में काम किया जाएगा। हालांकि खान इस बात को स्पष्ट नहीं कर सके कि गणित और विान जैसे जटिल विषयों को आज के प्रतिस्पर्धी माहौल में वह भारतीय भाषाओं में कैसे प्रासंगिक बनाएंगे।

रतन टाटा ने कहा कि उनके ट्रस्ट के लिए खान एकेडमी को चुनना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बिना किसी शुल्क के एकदम मुफ्त शिक्षा उपलब्ध कराती है। भारत जैसे देश के लिए यह काफी महत्वपूर्ण है कि जहां समाज के विकास के विकास के लिए शिक्षा का स्तर और क्वालिटी बढ़ाने की जरूरत है।

हालांकि रतन टाटा ने यह नहीं बताया कि खान एकेडमी के साथ पांच साल के इस गठजोड़ में कितनी राशि की मदद उपलब्ध कराई जाएगी। इस सवाल पर टाटा ने केवल इतना ही कहा, ‘देश के बच्चों को शिक्षित करने के उद्देश्य में खान एकेडमी को जिस चीज की जरूरत होगी उसे मुहैया कराई जाएगी।‘ खान ने बताया कि भारत के लिए उनकी टीम का आकार उतना ही बड़ा होगा जितना अमेरिका के लिए है। वे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध कराएंगे।

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