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तसलीमा नसरीन का आह्वान, मुसलमानों को अयोध्‍या में राम मंदिर के लिए धन जुटाने को आगे आना चाहिए

बांग्लादेश मूल की अंतरराष्ट्रीय लेखिका तसलीमा नसरीन अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहती हैं। अब राम मंदिर के निर्माण को लेकर दिए गए बयान को लेकर फिर सुर्खियों में हैं। उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि मुसलमानों को मंदिर के लिए धन जुटाने के लिए आगे आना चाहिए।

By Arun kumar SinghEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 04:07 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 05:44 PM (IST)
तसलीमा नसरीन का आह्वान, मुसलमानों को अयोध्‍या में राम मंदिर के लिए धन जुटाने को आगे आना चाहिए
बांग्लादेश मूल की अंतरराष्ट्रीय लेखिका तसलीमा नसरीन

कोलकाता, राज्य ब्यूरोबांग्लादेश मूल की अंतरराष्ट्रीय लेखिका तसलीमा नसरीन अपने बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहती हैं। अब अयोध्‍या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर दिए गए बयान को लेकर फिर सुर्खियों में हैं। उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि अयोध्या में राम मंदिर के लिए कई मुसलमान वीएचपी के अभियान में दान दे रहे हैं। मुसलमानों को मंदिर के लिए धन जुटाने के लिए आगे आना चाहिए। तसलीमा ने लिखा है कि फैजाबाद के मूल निवासी वसी हैदर और शाह बानो ने 12 हजार रुपये और 11 हजार रुपये का दान दिया। इकबाल अंसारी ने कहा कि कि मैं राम मंदिर के लिए निश्चित रूप से दान दूंगा। अगर मुस्लिम दान करते हैं, तो इससे हिंदू-मुस्लिम सद्भाव मजबूत होगा और हिंदुओं के साथ उनके संबंध मजबूत होंगे।' हालांकि तसलीमा की टिप्पणी की ज्यादातर लोगों ने खुलकर प्रशंसा की है, लेकिन कुछ लोगों ने कहा है कि यह पैसा मुसलमानों से इकट्ठा नहीं किया जाना चाहिए।

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इससे पहले अपने बयान में तसलीमा नसरीन ने कहा था कि भारत के अधिकांश हिंदू चाहते हैं कि राम मंदिर का निर्माण हो, इसलिए इसे बनने दें। मुसलमानों की तरह उन्हें भी पूरी तरह से धार्मिक और कट्टरपंथी होने का अधिकार है। उन्‍होंने यह भी कहा कि यदि आप एक हिंदू हैं, तो आपको धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए, यह आवश्यक नहीं है। राम मंदिर बनने से मैं न तो शोक मना रही हूं और न ही खुश हूं। भारत में ज्यादातर हिंदू चाहते हैं कि राम मंदिर का निर्माण हो, इसलिए इसे बनने दें।

मुसलमानों को मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन देने पर उठाया था सवाल

इससे पहले जब अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आया था, तो तसलीमा ने मस्जिद निर्माण के लिए मुसलमानों को पांच एकड़ जमीन देने पर भी सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने अयोध्या में हिंदुओं को 2.77 एकड़ ज़मीन दी, जबकि मुसलमानों को पांच एकड़ ज़मीन! मुसलमानों को भी 2.77 एकड़ जमीन दी जानी चाहिए थी।

उन्होंने यहां तक कहा था कि अगर मैं जज होती, तो मैं अयोध्या में 2.77 एकड़ जमीन सरकार को देती, ताकि वहां एक आधुनिक स्कूल बनाया जा सके, जहां सभी बच्चों को मुफ्त में पढ़ाई करनी चाहिए। इसके अलावा, अत्याधुनिक अस्पताल बनाने के लिए पांच एकड़ जमीन दी जाएगी ताकि वहां मुफ्त में मरीजों का इलाज किया जा सके।


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