Tap water: दिल्ली का पानी सबसे खराब तो मुंबई में पानी सबसे बेहतर, सरकारी सर्वे में खुलासा
दिल्ली और 13 राज्यों की राजधानियों में नल का पानी पीने लायक नहीं है।
नई दिल्ली, आइएएनएस। देश भर के 21 शहरों में आपूर्ति किए जा रहे पाइप पेयजल की गुणवत्ता पर एक अध्ययन जारी करते हुए, केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने शनिवार को कहा कि दिल्ली और 13 राज्यों की राजधानियों में, नल का पानी 'पीने लायक' नहीं है।
मंत्री ने कहा कि एकमात्र महानगरीय शहर जहां लोग सुरक्षित रूप से नल का पानी पी सकते हैं, वो हैं मुंबई, जिसके सभी नमूने भारतीय मानकों का अनुपालन करता है।
मंत्री ने कहा, 'दिल्ली में 11 स्थानों से नमूने लिए गए। सभी नमूने फेल हो गए, लेकिन मुंबई के सभी नमूने साफ हैं। मुंबई का नल का पानी पीने योग्य है।' पासवान ने कहा, ' ये 13 राजधानी भी ऐसी हैं, जिनके नमूना भी भारतीय मानक की आवश्यकताओं के अनुरूप नहीं है। उनमें चंडीगढ़, तिरुवनंतपुरम, पटना, भोपाल, गुवाहाटी, बेंगलुरु, गांधी नगर, लखनऊ, जम्मू, जयपुर, देहरादून, चेन्नई और कोलकाता हैं।'
मंत्री ने कहा कि उन्होंने राज्य सरकारों को लिखा है कि वे स्पष्ट करें कि उनकी सरकार नल के पानी को पीने योग्य बनाने के लिए क्या मदद कर सकती है। उन्होंने कहा, 'लोगों को नल से शुद्ध पानी मिलना चाहिए। कोई ऐसा पानी नहीं होना चाहिए जो बीमारियों का कारण बनता है।'
नमूने राष्ट्रीय राजधानी के अलावा 20 राज्यों की राजधानी से लिए गए थे। मंत्री ने कहा, 'यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जल जीवन मिशन के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए किया गया था।'
मंत्री ने कहा कि पहले चरण में, पीने के पानी के नमूने दिल्ली के विभिन्न स्थानों से लिए गए थे और दूसरे चरण में, 20 राज्यों की राजधानियों से नमूने लिए गए थे, और उन्हें भारतीय मानक के अनुसार परीक्षण के लिए भेजा गया था।
मंत्रालय के निर्देश पर, भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) (एक राष्ट्रीय निकाय जो उत्पादों और सेवाओं के लिए गुणवत्ता मानक बनाता है) ने देश में आपूर्ति किए जा रहे पाइप पेयजल की गुणवत्ता का अध्ययन करने का निर्णय लिया था। उन्होंने नल के पानी के लिए गुणवत्ता मानक भी तैयार किया है।