महाशिवरात्रि: धधकती चिता के सामने होती है तंत्र साधना, रात में महिलाएं और बच्चे भी पहुंचते हैं
विदिशा के मुक्तिधाम में महाशिवरात्रि पर अनूठा नजारा दिखता है । 25 साल से अधिक समय से विशेष आयोजन होता आ रहा है ।
भोपाल, राज्य ब्यूरो। विदिशा में बेतवा नदी किनारे स्थित मुक्तिधाम (श्मशान घाट) पर वर्ष की एक रात गुलजार रहती है। साल भर वीरान रहने वाला श्मशान घाट परिसर इस रात भजनों और चहल-पहल से आबाद हो उठता है।
यह अवसर महाशिवरात्रि पर आता है, जब यहां होने वाली विशेष पूजा में पुरुषों के अलावा महिलाएं और बच्चे भी पहुंचते हैं। श्मशान घाट परिसर में धधकती चिता के सामने तंत्र साधना और भजन संध्या का कार्यक्रम रात भर चलता है। इस वर्ष भी सोमवार की रात श्मशान घाट में यह कार्यक्रम होगा। इसके लिए मुक्तिधाम सेवा समिति तैयारी में जुटी है।
मालूम हो, महाशिवरात्रि पर्व तंत्र साधनाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। खासकर जागृत चिता (जलती चिता) के समक्ष की गई तंत्र साधनाएं सिद्धीदायक मानी जाती हैं। इसी को देखते हुए महाशिवरात्रि पर इस विशेष आयोजन की परंपरा डाली गई। यहां हर साल आने वाले लोग बताते हैं कि इस उत्सव की शुरुआत महाकाली और महाकाल की पूजा से होती है। फिर अलसुबह तक अनुष्ठान, भजन आदि चलते रहते हैं।
विदिशा मुक्तिधाम सेवा समिति के सचिव मनोज पांडे के अनुसार, विदिशा में तंत्र-मंत्र के विद्वान रहे पं. नारायणदास पचौरी ने 25 साल से अधिक समय पहले मुक्तिधाम पर इस कार्यक्रम की शुरुआत की थी। साल दर साल यहां आने वालों की संख्या बढ़ती गई।
करीब डेढ़ दशक पहले उनका देहावसान हो गया, लेकिन यह परंपरा अब भी जारी है। कार्यक्रम में उनके परिजन सहित उनसे दीक्षा ले चुके शिष्य यहां हर साल आते हैं। इनमें विदिशा के अलावा भोपाल सहित दूसरे शहरों के लोग भी शामिल हैं।
आकर्षक रोशनी से जगमगाएगा परिसर
पांडे ने बताया कि महाशिवरात्रि महोत्सव के लिए मुक्तिधाम परिसर में तैयारी की जा रही है। यूं तो समिति सदस्य यहां सफाई और सौंदर्यीकरण के लिए प्रतिदिन श्रमदान करते हैं। फिर भी महाशिवरात्रि के लिए खासतौर से पूरे परिसर की सफाई, धुलाई की गई है। मुक्तिधाम के पहुंच मार्ग, प्रवेश द्वार, सभागार, शवदाह गृह के आसपास आकर्षक विद्युत सज्जा की जा रही है। सभागार में सोमवार की रात पचौरी परिवार द्वारा पूरे विधिविधान से विशेष पूजा कराई जाएगी। साथ ही भजन होंगे। मंगलवार तड़के तक यह कार्यक्रम चलेगा।