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लॉकडाउन से नुकसान की चपेट में तमिलनाडु के मंदिर, रेवेन्‍यू में भारी नुकसान

देश भर में लागू लॉकडाउन के कारण तमाम धार्मिक स्‍थलों को भी बंद किया गया है। इसके कारण तमिलनाडु के मंदिरों में दान न आने के कारण रेवेन्‍यू का भारी नुकसान हुआ है।

By Monika MinalEdited By: Published: Mon, 27 Apr 2020 05:30 PM (IST)Updated: Mon, 27 Apr 2020 05:30 PM (IST)
लॉकडाउन से नुकसान की चपेट में तमिलनाडु के मंदिर, रेवेन्‍यू में भारी नुकसान
लॉकडाउन से नुकसान की चपेट में तमिलनाडु के मंदिर, रेवेन्‍यू में भारी नुकसान

चेन्‍नई, प्रेट्र। घातक कोरोना वायरस ने मंदिरों को भी नहीं बख्‍शा है। देश में जारी लॉकडाउन के कारण तमिलनाडु के मंदिरों को भी भारी नुकसान हो रहा है। यहां के मंदिरों की 'दानपेटी (hundiyal)' में करोड़ों रुपये आते थे जो इस कोरोना काल में नहीं आ रहे हैं। राज्‍य सरकार द्वारा लॉकडाउन का ऐलान करने के बाद से ही इन मंदिरों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद हैं।

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तमिलनाडु के कुछ मंदिर सबसे अधिक रेवेन्‍यू कमाने वाले हैं, इनके नाम हैं- श्री पार्थसारथी स्‍वामी मंदिर ( Sri Parthasarathy Swamy temple), श्री कपालेश्‍वरर मंदिर ( Sri Kapaleswarar temple) और वाडापलानी अंडावार मंदिर (Vadapalani Andavar temple), मदुरै स्‍थित प्रसिद्ध श्री मीनाक्षी अम्‍मन मंदिर (Sri Meenakshi Amman temple) और कन्‍याकुमारी का श्री भगवती अम्‍मन मंदिर।

दिवंगत मुख्‍यमंत्री जे जयललिता द्वारा शुरू की गई अन्‍नधनम स्‍कीम (Annadhanam scheme) को हर दिन श्रद्धालुओं की ओर से दान मिल रहा है। अब इस फंड से मंदिरों के आस-पास रहने वाले गरीबों को खाना खिलाया जा रहा है।

नॉवेल कोरोना वायरस के कारण संकट में फंसे दुनिया भर के देशों में लॉकडाउन के हालात हैं। इस क्रम में भारत के तमाम राज्‍यों में भी लॉकडाउन लागू है जो 3 मई तक जारी रहेगा। इस संक्रमण के कारण 3,691 पर्यटन स्थल के साथ 50 स्मारक भी पूरी तरह बंद हैं। इसके तहत तमाम मंदिर, मस्जिद, चर्च व UNESCO के अंतर्गत आने वाले धार्मिक और ऐतिहासिक विरासत स्थल भी लॉक हैं।

बंद किए गए स्‍थलों में सबसे ऊपर उत्‍तर प्रदेश का नाम है। यहां 745 स्थलों को बंद किया गया है। इसके बाद कर्नाटक का नंबर है, यहां 506 ऐसे स्‍थान है जिन्‍हें बंद किया गया है। तीसरे स्‍थान पर तमिलनाडु है, यहां कुल 413 स्‍थलों को बंद किया गया है। हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्त (HR&CE) के एक अधिकारी ने कहा, ‘औसतन करीब 150 मंदिरों की रिपोर्ट के अनुसार, दानपेटी में धनराशि नहीं आने के कारण रेवेन्‍यू में भारी कमी आई है।’


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