तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री एम सुब्रमण्यम ने कहा, ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई
तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री एम. सुब्रमण्यम ने बताया कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर में तमिलनाडु में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई है। सुब्रमण्यम ने दावा करते हुए कहा कि कोरोना को रोकने के लिए सीएम ने युद्धस्तर पर काम किया है।
चेन्नई, एएनआइ। तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री एम. सुब्रमण्यम ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि तमिलनाडु में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई है। एम. सुब्रमण्यम ने बताया कि तमिलनाडु में कोरोनावायरस के संक्रमण से ऑक्सीजन की आवश्यकता पढ़ने वाले मरीजों को ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं हुई है। आपको बता दें कि भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर में चारों तरफ सबसे ज्यादा ऑक्सीजन की मांग बढ़ी थी। कोरोना वायरस के कारण मरीजों में सबसे ज्यादा स्वास संबंधी दिक्कतें सामने आए थी। जिसके चलते भारत में कई लोगों की ऑक्सीजन की कमी से मौत हो गई थी।
तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री एम. सुब्रमण्यम का दावा
तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री एम. सुब्रमण्यम ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में बताया कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर में तमिलनाडु में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई है। स्वास्थ्य मंत्री एम. सुब्रमण्यम ने अपने किए गए दावे के बारे में बताते हुए कहा कि 'कोरोना को रोकने के लिए सीएम ने युद्धस्तर पर काम किया है। जब हमें ऑक्सीजन की कमी का सामना करना पड़ा, तो हम तुरंत केंद्र के संपर्क में आए और उनसे ऑक्सीजन मंगवाई।' एम. सुब्रमण्यम ने तमिलनाडु में ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा का हवाला देते हुए कहां की 'यही कारण रहा कि तमिलनाडु को किसी बड़े प्रभावों का सामना नहीं करना पड़ा।'
इस उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की प्रशंसा की
आपको बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री एम. सुब्रमण्यम का यह दावा विपक्ष द्वारा केंद्र सरकार की आलोचना करने के बाद आया है।
केंद्र सरकार की रिपोर्ट
केंद्र सरकार ने कोविड-19 की जारी की गई रिपोर्ट में कहा की 'ऑक्सीजन की आपूर्ति से कोई मौत नहीं' इस रिपोर्ट में केंद्र सरकार लिखित उत्तर में कहा है कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान किसी भी मरीज की ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत दर्ज नहीं की गई है। केंद्र ने खुलासा किया कि राज्यों को कुल 4,02,517 ऑक्सीजन सिलेंडर वितरित किए गए थे। केंद्र सरकार द्वारा दी गई इस रिपोर्ट की विपक्ष जमकर आलोचना कर रहा है।