बंदरगाह विधेयक मसौदे के विरोध में तमिलनाडु ने आठ राज्यों को लिखा पत्र, आपत्ति दर्ज कराने का किया अनुरोध
स्टालिन ने गुजरात गोवा महाराष्ट्र कर्नाटक केरल आंध्र प्रदेश ओडिशा बंगाल और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के मुख्यमंत्रियों को भेजे गए पत्र में कहा इसके अतिरिक्त वर्तमान में राज्य सरकारों के कई मौजूदा अधिकार केंद्र सरकार अपने हाथों में ले लेगी।
चेन्नई, प्रेट्र। तमिलनाडु सरकार ने भारतीय बंदरगाह विधेयक 2021 के मसौदे का विरोध किया है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बंगाल और केरल समेत आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर प्रस्ताव पर अपनी आपत्ति दर्ज कराने का आग्रह किया है। बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग मंत्रालय ने छोटे बंदरगाहों के प्रबंधन माडल को संशोधित करने के लिए मसौदा विधेयक तैयार किया है। राज्य मंत्रियों के साथ इस पर चर्चा के लिए 24 जून को मेरीटाइम स्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (एमएसडीसी) की बैठक बुलाई गई है।
मौजूदा भारतीय बंदरगाह अधिनियम 1908 के अनुसार, छोटे बंदरगाहों की योजना, विकास, नियमन और नियंत्रण का अधिकार संबंधित राज्य सरकार के पास है। लेकिन ताजा मसौदे में इसमें बदलाव करने का प्रस्ताव किया गया है और कई अधिकार एमएसडीसी को हस्तांतरित किए जाएंगे। अभी तक एमएसडीसी एक परामर्श निकाय है।
स्टालिन ने गुजरात, गोवा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, बंगाल और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के मुख्यमंत्रियों को भेजे गए पत्र में कहा, 'इसके अतिरिक्त वर्तमान में राज्य सरकारों के कई मौजूदा अधिकार केंद्र सरकार अपने हाथों में ले लेगी। आप सहमत होंगे कि वर्तमान प्रणाली ने राज्य सरकारों के अधीन छोटे बंदरगाहों के विकास में भूमिका निभाई है। केंद्र सरकार के नया विधेयक लाने के इस कदम का छोटे बंदरगाहों के प्रबंधन पर दीर्घकालिक विपरीत प्रभाव पड़ेगा। यदि विधेयक पारित हो गया तो राज्य सरकारों की कोई बड़ी भूमिका नहीं रह जाएगी।'