विधानसभा चुनाव: तमिलनाडु में परवान चढ़ने से पहले ही गच्चा खा गई स्टारडम की सियासत
तमिलनाडु विधानसभा चुनाव को लगभग फिल्मी सितारों का चुनाव बनाने की कसरत परवान चढ़ने से पहले ही गच्चा खा बैठी है। करिश्माई तमिल अभिनेता सुपरस्टार रजनीकांत ने प्रशंसकों के तमाम दबावों के बावजूद साफ कर दिया कि अब सियासत में उतरना उनके लिए मुमकिन नहीं है।
संजय मिश्र, नई दिल्ली। तमिलनाडु विधानसभा चुनाव को लगभग फिल्मी सितारों का चुनाव बनाने की कसरत परवान चढ़ने से पहले ही गच्चा खा बैठी है। करिश्माई तमिल अभिनेता सुपरस्टार रजनीकांत ने प्रशंसकों के तमाम दबावों के बावजूद दोबारा साफ कर दिया कि अब सियासत में उतरना उनके लिए मुमकिन नहीं है। वहीं तमिल फिल्मों के दूसरे बड़े स्टार कमल हासन अपनी पार्टी बनाकर चुनाव में उतरने के लिए भले तैयार हैं, मगर उनका स्टारडम तमिलनाडु की चुनावी फिजा में बहुत सरगर्मी बढ़ाता नजर नहीं आ रहा।
दक्षिण भारत की सियासत में स्थानीय फिल्मी सितारों की धमाकेदार एंट्री का रहा इतिहास
दक्षिण भारतीय राज्यों की सियासत में स्थानीय फिल्मी सितारों की धमाकेदार एंट्री का इतिहास रहा है और इसीलिए रजनीकांत की तमिलनाडु की राजनीति में उतरने की योजना को लेकर लंबे समय से हलचल थी। रजनी भी इसकी तैयारी कर चुके थे मगर दिसंबर के आखिर में अपने हार्ट अटैक के बाद उन्होंने राजनीति में उतरने का इरादा छोड़ने की घोषणा की। जाहिर तौर पर तमिलनाडु की सियासत के साथ राष्ट्रीय स्तर पर भी रजनी के इस एलान को लेकर सरगर्मी बढ़ी।
तमिलनाडु में पैठ बनाने की जुगत में लगी भाजपा के लिए रजनीकांत का फैसला बड़ा झटका
तमिलनाडु की राजनीति में अपनी पैठ बनाने की जुगत में लगी भाजपा के लिए रजनी का यह फैसला बड़ा झटका माना जा रहा है। इसी तरह सूबे में उनके स्टारडम के सहारे सियासत में अपना प्रभाव जमाने की चाहत रखने वाले उनके प्रशंसकों के लिए भी यह एलान सुखद नहीं था।
जयललिता और करुणानिधि के निधन के बाद तमिलनाडु विधानसभा का पहला चुनाव है
दरअसल इस चुनाव में रजनीकांत की सियासी शुरुआत को इसलिए बेहद अहम माना जा रहा था। तमिलनाडु के दो सियासी दिग्गजों जयललिता और करुणानिधि के निधन के बाद विधानसभा का यह पहला चुनाव है। ऐसे में रजनीकांत जैसी हस्ती के लिए अपना प्रभाव जमाने का यह बड़ा मौका था और भाजपा भी इसी वजह से उनके सियासत में उतरने का बेसब्री से इंतजार कर रही थी। मालूम हो कि जयललिता और करुणानिधि दोनों सियासत में आने से पहले तमिल फिल्मों के चर्चित स्टार थे।
तमिल स्टार कमल हासन की पार्टी शहरी क्षेत्रों में सीमित
हालांकि मैदान में उतरने से पहले ही सियासत छोड़ने की रजनी की घोषणा के बावजूद दूसरे तमिल स्टार कमल हासन चुनाव में दांव आजमाने को तैयार हैं। एमएनएम नाम से बनाई अपनी पार्टी के सहारे कमल हासन ने सूबे के दौरे भी शुरू कर दिए हैं और कई पूर्व नौकरशाह उनकी पार्टी में शामिल भी हो रहे हैं, लेकिन तमिलनाडु के शहरी इलाकों के अलावा कमल हासन सियासी सरगर्मी बढ़ाते नजर नहीं आ रहे। कमल हासन के अलावा तमिल फिल्मो के बड़े निर्माता सीमन भी चुनावी राजनीति में दांव आजमाने को तैयार हैं।
अभिनेता विजयकांत भी अन्नाद्रमुक के साथ गठबंधन की आस में
इसी तरह तमिल फिल्मों के एक और जाने-पहचाने अभिनेता विजयकांत भी अपनी सियासत को प्रभावी बनाए रखने के लिए एक बार फिर गठबंधन की ओर ही निहार रहे हैं। सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक के साथ गठबंधन की उनकी तैयारी है। मगर अन्नाद्रमुक में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर चल रहे विवाद के कारण गठबंधन का मामला आगे टल रहा है। इस बीच अन्नाद्रमुक अपनी नेता और जयललिता की निकट सहयोगी रहीं शशिकला की जनवरी के आखिर में जेल से रिहाई का इंतजार करना भी मुनासिब समझ रहा है।
विजयकांत की पार्टी डीएमडीके ने 2011 के विधानसभा चुनाव में 40 सीटें जीती थी
विजयकांत की पार्टी डीएमडीके ने 2011 के चुनाव में विधानसभा की 40 सीटें जीतकर अपना प्रभाव जमाया था और तब वे नेता विपक्ष भी बने। मगर पिछले चुनाव में तीसरे मोर्चे का उनका प्रयोग कामयाब नहीं रहा और ऐसे में विजयकांत इस बार केवल अपने स्टारडम के भरोसे ही चुनाव मैदान में उतरने का जोखिम नहीं लेना चाहते।