अमेरिका पर तालिबान का हमला, कहा- 20 सालों से अफगानिस्तान के लोग होते रहे शहीद, देना होगा मुआवजा
तालिबान ने अमेरिका को निशाने पर लेते हुए कहा कि पिछले 20 सालों में अफगानिस्तान में लोग शहीद होते रहे हैं जिसके लिए उसे मुआवजे के तौर पर अफगानिस्तान की मदद करनी होगी। तालिबान ने अमेरिका द्वारा काबुल मे किए गए ड्रोन हमले की निंदा की।
नई दिल्ली, आइएएनएस। तालिबान (Taliban) ने अमेरिकी ड्रोन हमले की निंदा की है जिसमें पिछले माह 10 अफगान नागरिक मारे गए। साथ ही अमेेरिका से देश में पहले हुई हत्याओं और उत्पीड़न की जिम्मेदारी लेने को कहा है। तालिबान के अंतरिम सरकार में उप सूचना व संस्कृति मंत्री जबिहुल्लाह मुजाहिद (Zabihullah Mujahid) ने कहा, 'केवल इसी घटना को अमेरिका ने अंजाम नहीं दिया है बल्कि 20 सालों से अफगानिस्तान नागरिक शहीद होते रहे हैं।'
इन हमलों को मानवाधिकार का हनन करार देते हुए उन्होंने निंदा की और जोर देकर कहा कि इस तरह के कृत्यों को लापरवाही विनाश की ओर ले जाती है। उन्होंने कहा, 'अपने पिछले कार्यों के लिए अमेरिका को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और मुआवजे के तौर पर अफगानिस्तान के लोगों की सहायता करनी चाहिए।'
दूसरी ओर रिपब्लिकन पार्टी के अनेकों सदस्यों ने तालिबान को आतंकी संगठन घोषित करने की मांग की है। सांसदों की मांग है कि तालिबान को आतंकी संगठन का दर्जा दिया जाए, क्योंकि अखुंदजादा सरकार में कई ऐसे चेहरे शामिल है जिसे संयुक्त राष्ट्र ने आतंकी घोषित कर रखा है। यदि इस प्रस्ताव पर संसद की मुहर लग जाती है तो अमेरिकी सरकार को तालिबान सरकार को अवैध करार देने के साथ तालिबान की मदद करने वाले विदेशी मुल्कों पर प्रतिबंध भी लगाना होगा।
बता दें कि अगस्त में अफगानिस्तान पर पूरी तरह कब्जे के बाद तालिबान ने अपनी अंतरिम सरकार का गठन कर लिया है। हालांकि अमेरिका ने अफगानिस्तान के लोगों की आर्थिक मदद करने का फैसला ले लिया है और कहा है कि वह अफगानिस्तान को 64 मिलियन डॉलर (करीब 470 करोड़ रुपये) की मानवीय सहायता देने के लिए तैयार है।
इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र ने भी अफगानिस्तान के मानवीय अभियान के लिए दो करोड़ अमेरिकी डालर देने की घोषणा की है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतेरस ने कहा कि युद्धग्रस्त देश में लोग दशकों की पीड़ा और असुरक्षा के बाद शायद अपने सबसे खतरनाक समय का सामना कर रहे हैं और ऐसे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए अब उनके साथ खड़े होने का समय है। उन्होंने यह भी कहा कि अफगानिस्तान के लोगों को भोजन, दवा, स्वास्थ्य सेवाओं, सुरक्षित पानी, स्वच्छता और सुरक्षा की तत्काल आवश्यकता है।