भाजपा ने प्रधानमंत्री को ओबामा से सीख लेने की दी नसीहत
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। पांच सैनिकों की शहादत पर रक्षामंत्री एके एंटनी की ओर से बयान में संशोधन के बाद भाजपा ने भी इस मुद्दे को खत्म मान लिया है। लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ मनमोहन सिंह की संभावित मुलाकात पर आगाह कर दिया है। पाकिस्तान से वार्ता न करने की मांग दोहराते हुए भाजपा ने प्रधानमंत्री को अमेरिकी राष्ट्रपति से सीख लेने की नसीहत दी, जिन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात स्नोडेन के मुद्दे पर रद कर दी। भाजपा ने पाकिस्तान से घुसपैठ और उस पर कार्रवाई को लेकर संसद में बहस की भी मांग की।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। पांच सैनिकों की शहादत पर रक्षामंत्री एके एंटनी की ओर से बयान में संशोधन के बाद भाजपा ने भी इस मुद्दे को खत्म मान लिया है। लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ मनमोहन सिंह की संभावित मुलाकात पर आगाह कर दिया है। पाकिस्तान से वार्ता न करने की मांग दोहराते हुए भाजपा ने प्रधानमंत्री को अमेरिकी राष्ट्रपति से सीख लेने की नसीहत दी, जिन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात स्नोडेन के मुद्दे पर रद कर दी। भाजपा ने पाकिस्तान से घुसपैठ और उस पर कार्रवाई को लेकर संसद में बहस की भी मांग की।
एंटनी का मुद्दा खत्म हो गया। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने एंटनी के बयान का स्वागत करते हुए इसका इजहार भी कर दिया। साथ ही अपनी पीठ भी थपथपाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि भाजपा कोई राजनीति नहीं कर रही थी। लेकिन देशहित और जनभावना के साथ ही सरकार को खड़ा करना चाह रही थी। नए बयान के बाद पूरा विपक्ष और देश संतुष्ट है। वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि पाकिस्तान से वार्ता नहीं करने के लिए भारत के पास पर्याप्त आधार हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा वांछित स्नोडेन को शरण देने के कारण ओबामा ने पुतिन से मुलाकात रद कर दी। इससे मनमोहन सिंह को सीख लेनी चाहिए। पार्टी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि विपक्ष की जिम्मेदारी है कि सरकार की गलतियों पर नजर रखे और उसे सुधारे। उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति में प्रधानमंत्री को पाकिस्तान से बातचीत नहीं करना चाहिए। बुधवार को प्रधानमंत्री के साथ भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में भी यह मुद्दा उठा था। हालांकि पीएम ने विपक्ष को कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया था। शाहनवाज ने कहा जब तक पाकिस्तान पुराने करार के अनुसार अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाता है, बातचीत का कोई औचित्य नहीं है। सुषमा स्वराज ने भी एक ट्वीट में कहा-'हमें पहले आतंकवाद से निपटना चाहिए, उसके बाद बातचीत करनी चाहिए।' पार्टी ने संसद में भी इस बाबत बहस की मांग की।
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