अगर किसानों के पास नहीं है ट्रैक्टर, तो इस कंपनी से साधे संपर्क; चुटकी में समस्या होगी दूर
अब अगर किसी किसान के पास खेत जोतने के लिए ट्रैक्टर या फिर खेती से जुड़ी उपयुक्त मशीन नहीं है, तो उसे परेशान होने की जरूरत नहीं है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। भारत एक कृषि प्रधान देश है और इसका कर्ता-धर्ता होता है किसान, जिसको हम अन्नदाता भी कहते हैं। जो हमारे लिए अनाज उगाता है, ताकि देश में कोई भूखा न रहे। इतना ही नहीं, देश की अर्थव्यवस्था में भी कृषि की महत्वपूर्ण भूमिका है। हालांकि इसके बाद भी आपने अन्नदाताओं की बदहाली की तस्वीरें कई बार देखी होंगी। कभी मौसम की मार, तो कभी आर्थिक तंगी ने अन्नदाता को कमजोर बना दिया।
हालांकि, डिजिटलाइजेशन के इस दौर में किसानों के लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी लेकर आई है 'ट्रैक्टर एंड फार्म इक्विपमेंट लिमिटेड' (टीएएफई) नाम की कंपनी। अब अगर किसी किसान के पास खेत जोतने के लिए ट्रैक्टर या फिर खेती से जुड़ी उपयुक्त मशीन नहीं है, तो उसे परेशान होने की जरूरत नहीं है। अब कोई भी किसान मोबाइल ऐप के जरिये किसी अन्य कृषक को अपना ट्रैक्टर किराए पर दे सकता है या दूसरे किसान से उसकी मशीन किराए पर मांग सकता है।
आपकी जरूरत ऐसे पूरा करेगा यह ऐप
पिछले हफ्ते ट्रैक्टर एंड फार्म इक्विपमेंट ने अपने जेफार्म सर्विसेज के जरिए इस सुविधा की राष्ट्रीय स्तर पर शुरुआत करने की घोषणा की है। कंपनी ने बताया कि जो किसान अपने मौजूदा ट्रैक्टर और कृषि उपकरणों को किराये पर देना चाहते हैं, वे जेफार्म सर्विसेज ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस ऐप के 'किसान-से-किसान-मॉडल' के माध्यम से उन्हें सीधे उन किसानों से जोड़ा जाएगा, तो उन्हें किराए पर लेना चाहते हैं। ऐसे में दोनों की जरूरत पूरी हो सकेगी।
ऐप आपके लिए ऐसे होगा फायदेमंद
जेफार्म सर्विसेज किसानों को ट्रैक्टरों और आधुनिक कृषि मशीनरी को किराये पर लेने और उन्हें किसान उद्यमियों से संपर्क करने, किराये की कीमतों को बातचीत से तय करने और अपनी संबंधित आवश्यकता को पूरा करने की सुविधा सेवाएं मुफ्त में प्रदान करेगा।
टीएएफई ने बताया अपना उद्देश्य
टीएएफई के अध्यक्ष और मुख्य कार्याधिकारी सीइओ मल्लिका श्रीनिवासन ने बताया, 'हमारा उद्देश्य उन लाखों किसानों तक पहुंच बनाना है, जिनके पास कृषि मशीनीकरण और आधुनिक तकनीक की पहुंच नहीं है। साथ ही, 2022 तक कृषि आय को दोगुनी करने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण की ओर इस प्रगति को गति प्रदान करना है।'
इन चार राज्यों से सेवा की शुरुआत
कंपनी ने कहा कि जेफार्म सर्विसेज को फिलहाल प्रायोगिक तौर पर मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात और उत्तर प्रदेश में शुरू किया गया है, जो लगभग 60,000 उपयोगकर्ताओं (किसानों) को सीधे लाभ पहुंचाते हैं। टीएएफई ने जेएफएम सेवा मंच को शुरू करने के लिए बिहार, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और असम जैसी विभिन्न राज्य सरकारों के साथ साझेदारी की है।
अगर स्मार्टफोन नहीं है तो....
भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है, लेकिन कृषि क्षेत्र पीछे छूट रहा है। जबकि भारत के करीब 65 फीसद लोग कृषि पर निर्भर करते हैं। हालांकि देश में किसानों का एक बड़े हिस्से तक कृषि मशीनीकरण और आधुनिक तकनीक की पहुंच नहीं है। इस पहुंच के लिए पुल का काम करने का बीड़ा टीएएफई ने उठाया है। टीएएफई ने कहा कि देशभर में भूमि के छोटे पट्टे रखने वाले किसान अब अपनी उत्पादकता और आय में उल्लेखनीय वृद्धि के लिए अत्याधुनिक कृषि उपकरण किराए पर ले सकते हैं।
सबसे खास बात यह है कि इस ऐप का इस्तेमाल कम लागत वाले एंड्रायड फोन पर किया जा सकता है। इतना ही नहीं, इसे बहुत कम डेटा पर चलाने के लिए डिजाइन किया गया है। किसान जिनके पास स्मार्ट या फीचर फोन नहीं हैं, वे टोल-फ्री हेल्पलाइन का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा, यह मंच बिना किसी शुल्क के स्थानीय मौसम, बाजार, कृषि-समाचार और मंडी की कीमतों के बारे में समय-समय पर महत्वपूर्ण सूचना भी प्रदान करेगा।