पाकिस्तान से घुसे टिड्डी दलों को मारने की रणनीति तैयार, ब्रिटेन से मंगाई जा रहीं मशीनें
टिड्डियों का यह हमला पिछले साल के आखिरी महीने में भी हुआ था। उस समय सबसे ज्यादा नुकसान राजस्थान व गुजरात की खेती को हुआ था।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पाकिस्तान की सीमा से गुजरात, राजस्थान और पंजाब में टिड्डी दलों का हमला होने से कृषि क्षेत्र के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। राज्यों के साथ मिलकर केंद्र सरकार ने टिड्डी समस्या से सामूहिक रूप से निपटने की रणनीति तैयार की है। पलक झपकते ही सैकड़ों हेक्टेयर खेतों में खड़ी फसल को चट कर जाने वाले इन टिड्डी दलों का युद्ध स्तर पर मुकाबला करने के लिए घरेलू कीटनाशक कंपनियों के साथ केंद्र सरकार ने चर्चा की है। टिड्डी दलों को नष्ट करने के लिए सरकार ने ग्रेट ब्रिटेन से आधुनिक मशीनें मंगाने का फैसला किया है।
टिड्डियों का यह हमला पिछले साल के आखिरी महीने में भी हुआ था। उस समय सबसे ज्यादा नुकसान राजस्थान व गुजरात की खेती को हुआ था। उस समय भारत के साथ पाकिस्तान ने भी संयुक्त अभियान में हिस्सा लिया था। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधीन टिड्डी नियंत्रण विभाग ने उस समय व्यापक अभियान चलाकर कीटनाशकों का छिड़काव किया था, जिसका लाभ सीमाई पाकिस्तानी क्षेत्रों को भी हुआ था। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अभियान को सराहा गया था।
राजस्थान के बाड़मेर व जैसलमेर जिलों में इसका प्रभाव सर्वाधिक
पाकिस्तानी सीमा से सटे राजस्थान के बाड़मेर व जैसलमेर जिलों में इसका प्रभाव सर्वाधिक है। गरमी के इस मौसम में खेतों में फसल बहुत कम होने की वजह से टिड्डी दलों का हमला हरे भरे पेड़ों पर हुआ है। इस बारे में केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि उनकी सरकार के लिए कृषि उच्च प्राथमिकता वाला क्षेत्र है। इसके मद्देनजर सरकार कृषि क्षेत्र पर आये इस संकट का असर किसानों की सेहत पर नहीं आने देगी। संबंधित राज्य सरकारों व प्रभावित जिलों के प्रशासन के साथ मिलकर सरकार टिड्डी समस्या से निपटने में जुट गई है।
पिछली बार किसानों को केंद्र सरकार ने दिया था मुआवजा
टिड्डी दलों पर कीटनाशकों के छिड़काव के लिए मशीनें जल्दी ही मिल जाएंगी, जिससे उन्हें नष्ट करने में मदद मिलेगी। तोमर ने बताया कि लंबे अरसे बाद पिछले साल टिड्डी दलों का हमला हुआ था, जिसे देखकर लोग घबरा गये थे। लेकिन उस समय पर जल्दी ही काबू पा लिया गया। जिन किसानों का नुकसान हुआ, उन्हें केंद्र सरकार की तरफ से मुआवजा दिया गया। कीटनाशक कंपनियों के प्रमुखों के साथ हुई विशेष चर्चा में उनके सुझावों को भी रणनीति में शामिल किया गया है।
फिलहाल इन टिड्डी दलों का प्रभाव राजस्थान के जैसलमेर, श्रीगंगानगर, जोधपुर, बाडमेर व नागौर जिले और पंजाब में है। श्रीगंगानगर, फलौदी (जोधपुर), बाडमेर, अजमेर व नागौर जिले में इन टिड्डियों का हमला बहुत तेज हो गया है।