यूएन के सीजफायर के प्रस्ताव को लागू करना बेहद मुश्किल:असद
सीरियाई राषट्पति बशर अल असद ने यूएन के शांति प्रस्ताव को लागू करने में असमर्थता जताई है। उन्होंने कहा है कि इतने कम समय में कौन है जो विद्रोहियों से बात कर उन्हें इसके लिए मना लेगा। या फिरर अगर वह इससे मुकर गए तो कौन इसकी जिम्मेदारी लेगा।
दमश्क। सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद ने कहा है कि सरकार और विद्रोहियों के बीच होने वाले संघर्षविराम को लागू कर पाना नामूकिन होाग। उन्होंने कहा है कि म्यूनिख में विश्व के बड़े देशों द्वारा तैयार किएक गए इस मसौदे को एक सप्ताह के अंदर लागू कर पारना आसान नहीं है। इसकी वजह है कि इतने कम समय में कौन है जो विद्रोहियों से बातचीत करेगा, वह इस प्रस्ताव को मानेंगे इस बात का भी कोई प्रमाण नहीं है।
इसके अलावा यदि उन्होंने यह प्रस्ताव नहीं माना या इससे मुकर गए तो इसकी जिम्मदारी कौन लेगा। एक टीवी प्रोग्राम में उन्होंने कहा कि म्यूनिख के दौरान नेताओं ने इसको लागू करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया था। लेकिन इस प्रस्ताव को लेकर कौन आतंकिेयों से बात करेगा या दोनों पक्षों को लेकर बैठेगा।
गौरतलब है कि पिछले दिनों म्यूनिख में हुई बैठक में मानवीय आधार पर पीडि़तों को सीरिया से बाहर जाने के लिए इस प्रस्ताव को अमलीजामा पहनाने की बात कही थी। हालांकि इसमें अलकायदा से संबंधित आतंकी संगठन अल नुसरा और इस्लामिक स्टेट ग्रुप शामिल नहीं है। वहीं सीरिया के राष्ट्रपति असद ने साफ कर दिया है कि इसके बाजवूद वह आतंकिेयों के खिलाफ लड़ता रहेगा।
उन्होंने साफ कर दिया है कि आतंकियों के खिलफ उनही जंग जारी रहेगी। पिछले सप्तान संयुक्त राष्ट्र में सीरिया के राजदत ने सीरिया का दौरा कर इस प्रस्ताव सेे जुड़ें बिंदुओं पर दमक में बात की थी। इस दौरान उनहोंने इस प्रस्ताव के बारे में विस्तार से बताया था।
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