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आतंकी फंडिंग के मामले में गिलानी के दोनों लड़कों पर शिकंजा

गिलानी के दोनों बेटे एनआइए के दफ्तर पहुंचे। उनका बड़ा बेटा नईम पेशे से डॉक्टर है, जबकि दूसरा बेटा नसीम कृषि विश्वविद्यालय में कार्यरत है।

By Manish NegiEdited By: Published: Mon, 28 Aug 2017 06:54 PM (IST)Updated: Mon, 28 Aug 2017 06:54 PM (IST)
आतंकी फंडिंग के मामले में गिलानी के दोनों लड़कों पर शिकंजा
आतंकी फंडिंग के मामले में गिलानी के दोनों लड़कों पर शिकंजा

नई दिल्ली, प्रेट्र। आतंकी फंडिंग के मामले में कट्टरपंथी हुर्रियत के मुखिया सैयद अली शाह गिलानी के दोनों लड़कों पर एनआइए ने शिकंजा कस दिया है। दिल्ली स्थित मुख्यालय में एजेंसी ने दोनों से गहन पूछताछ की। उनके अतिरिक्त अलगाववादी नेता गुलाम नबी भट्ट को भी तलब किया।

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सुबह दस बजे सोमवार को गिलानी के दोनों बेटे एनआइए के दफ्तर पहुंचे। उनका बड़ा बेटा नईम पेशे से डॉक्टर है, जबकि दूसरा बेटा नसीम कृषि विश्वविद्यालय में कार्यरत है। नईम को गिलानी का उत्तराधिकारी माना जाता है। एजेंसी का मानना है कि दोनों बेटों के जरिये पाक से आतंकियों को फंडिंग की जा रही थी। दोनों से सात से आठ घंटे तक पूछताछ की गई।

गौरतलब है कि इससे पहले एनआइए ने जम्मू-कश्मीर के वकील देवेंद्र सिंह बहल के राजौरी जिला स्थित नौशेरा कस्बे में पैतृक आवास पर छापेमारी की थी। आतंकी फंडिंग के मामले में संदिग्ध संलिप्तता को लेकर उन्हें जांच एजेंसी ने गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने चार मोबाइल फोन, एक टैबलेट, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण व वित्तीय दस्तावेज जब्त किए। सूत्रों ने कहा कि आतंकवादी वित्तपोषण में संलिप्तता को लेकर बहल से पूछताछ की गई। बहल को गिलानी का करीबी माना जाता है और वह मारे गए आतंकवादियों के जनाजे में नियमित तौर पर दिखाई पड़ता था। माना जा रहा है कि बहल से ही महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले थे जिसके बाद गिलानी पर शिकंजा कसा गया।

इससे पहले शनिवार को जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के नेता नूर मोहम्मद कलवाल को एनआइए के समक्ष सोमवार को पेश होने को कहा था। कलवाल जेकेएलएफ मुखिया यासिन मलिक का करीबी माना जाता है। वह उन पांच आतंकियों में से एक है जिन्हें 1989 में जबरन रिहा कराया गया था। यह रिहाई तत्कालीन गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी के बदले की गई थी। 24 जुलाई को एनआइए ने सात अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार किया गया था। इनमें गिलानी के दामाद अलताफ शाह, साबिर शाह, नईम खान, अलताफ हिलाली शाह, अयाज अकबर, पीर सैफुल्लाह, राजा मेहराजुद्दीन व फारुख अहमद डार शामिल हैं। सभी पर आपराधिक षडयंत्र, राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहने का आरोप है।

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