स्वाइन फ्लू न थमा तो थम जाएंगे सैलानियों के कदम
बीते साल सैलानियों की कम आमद से जूझ चुका ताजनगरी का पर्यटन उद्योग इस साल स्वाइन फ्लू की दहशत में डूबा है। फिलहाल विदेशी सैलानियों की आमद प्रभावित नहीं हुई है, लेकिन बीमारी के प्रभाव की पूछताछ शुरू हो गई है। उद्यमियों को आशंका है कि यदि स्वाइन फ्लू जल्द
आगरा। बीते साल सैलानियों की कम आमद से जूझ चुका ताजनगरी का पर्यटन उद्योग इस साल स्वाइन फ्लू की दहशत में डूबा है। फिलहाल विदेशी सैलानियों की आमद प्रभावित नहीं हुई है, लेकिन बीमारी के प्रभाव की पूछताछ शुरू हो गई है। उद्यमियों को आशंका है कि यदि स्वाइन फ्लू जल्द न थमा तो पर्यटकों के कदम थम सकते हैं और पर्यटन सीजन मार्च से पहले ही खत्म हो सकता है।
स्वाइन फ्लू का प्रकोप देश के कई राज्यों में फैला हुआ है। हालांकि ताजनगरी में इस बीमारी ने करीब 15 दिन पहले ही दस्तक दी है। इसके बाद से अब तक तीन दर्जन से अधिक संदिग्ध सामने आ चुके हैं और इनमें से मात्र छह में ही स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। कुछ मौतों के पीछे भी स्वाइन फ्लू के वजह होने की बात कही जा रही है, हालांकि इसकी अब तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
लगातार केस सामने आने से विदेशी सैलानियों की धड़कनें भी बढ़ रही हैं। पर्यटन उद्यमियों के मुताबिक स्वाइन फ्लू को लेकर अभी खतरे की स्थिति नहीं है। केवल इतना हुआ है कि कुछ विदेशी पर्यटक टूर ऑपरेटर से बीमारी के संबंध में जानकारी ले रहे हैं। पूछा जा रहा है कि कितने लोगों की मौत हो चुकी है और कितने बीमार हैं, क्या बीमारी नियंत्रण में है।
जानिए स्वाइन फ्लू से कैसे बचा जाए
ली पैसेज टू इंडिया के उपाध्यक्ष राजेश शर्मा ने बताया कि अभी थोड़ी बहुत क्वैरीज हैं, टूर कैंसिल होने की कोई स्थिति नहीं है। मगर जरूरी है कि बीमारी नियंत्रण में ही रहे, इसके नये मरीज न आएं। टूरिज्म गिल्ड के सचिव राजीव सक्सैना के मुताबिक फिलहाल बुकिंग रद नहीं हो रही हैं, लेकिन खतरा बरकरार है। यदि मामले बढ़े तो विदेशी सैलानियों की आमद एकदम से गिर सकती है, जबकि सामान्य स्थितियों में मार्च के अंत तक भरपूर विदेशी पर्यटक आते हैं।
महामारी बन रहा स्वाइन फ्लू, दस हजार से अधिक चपेट में
दूसरे राज्य भी डालेंगे असर पर्यटन के जानकारों के मुताबिक ताजनगरी में भले ही स्वाइन फ्लू न फैले, लेकिन दिल्ली और राजस्थान में लगातार हो रही मौतों से भी यहां के पर्यटन को खतरा है। ज्यादातर विदेशी सैलानी गोल्डन ट्राएंगल (दिल्ली-आगरा-जयपुर) के भ्रमण पर आते हैं। ऐसे में यदि दिल्ली और राजस्थान में बीमारी पर काबू न हुआ तो ताजनगरी में भी आमद घटेगी।