स्वीडिश कंपनी ने की लड़ाकू विमान की तकनीक हस्तांतरित करने की पेशकश
साब के भारत प्रमुख जेन वाइडरस्ट्रॉम का कहना है कि वह वायुसेना को ग्रिपेन-ई विमान देने को तैयार हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। स्वीडन की प्रमुख रक्षा कंपनी साब ग्रुप ने कहा है कि भारत उससे एक इंजन वाले लड़ाकू विमान खरीदता है तो वह इससे जुड़ी पूरी तकनीक हस्तांतरित करने को तैयार है। कंपनी का कहना है कि वह भारत में विश्व का सबसे बेहतरीन उत्पादन संस्थान भी बनाने को तैयार है।
साब के भारत प्रमुख जेन वाइडरस्ट्रॉम का कहना है कि वह वायुसेना को ग्रिपेन-ई विमान देने को तैयार हैं। सितंबर में साब ने अडानी ग्रुप के साथ एक समझौता किया था, जिसके तहत भारत में एक संयुक्त उपक्रम स्थापित करने की घोषणा की गई थी। समझौता होने की सूरत में इसके तहत अरबों की लागत से ग्रिपेन मिलिट्री जेट भारत में बनाने का कार्यक्रम है।
ग्रिपेन ई इसके सी व डी संस्करण का अत्याधुनिक स्वरूप है। वाइडरस्ट्रॉम का कहना है कि भारत सरकार की रणनीतिक साझेदारी योजना के तहत कंपनी काम करेगी। इसके तहत लड़ाकू विमान भारतीय व विदेशी कंपनी को संयुक्त रूप से बनाने हैं।
सरकार की योजना है कि उच्च तकनीक भारत में लाई जाए, जिससे इस तरह के अत्याधुनिक विमान बनाने का काम भारत में ही हो सके। कंपनी का कहना है कि रणनीतिक साझेदारी के तहत भारत और स्वीडन में प्रशिक्षण का कार्यक्रम चलाया जाएगा। गौरतलब है कि वायु सेना को लड़ाकू विमान उपलब्ध कराने के लिए सरकार इनकी खरीद पर विचार कर रही है। अमेरिका की लॉकहीड मार्टिन भी इस अपनी दावेदारी पेश कर रही है। कंपनी ने भारत में उत्पादन यूनिट लगाने का भरोसा दिलाया है। लॉकहीड वायुसेना को एफ-16 ब्लॉक 70 लड़ाकू विमान बेचने की पेशकश कर रही है।
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