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स्वीडन ने ‘दुनिया की फार्मेसी’ के रूप में भारत की भूमिका को स्वीकारा

भारत और स्‍वीडन के संबंधों का जिक्र करते हुए मोलिन ने कहा कि हमारे के बीच व्यापक द्विपक्षीय संबंध बेहतरीन रहे हैं। दोनों देश व्यापार और निवेश स्वास्थ्य और रक्षा सहित आठ क्षेत्रों में व्यापक सहयोग देख रहे हैं।

By Tilak RajEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 08:32 AM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 08:32 AM (IST)
स्वीडन ने ‘दुनिया की फार्मेसी’ के रूप में भारत की भूमिका को स्वीकारा
स्वीडन ने ‘दुनिया की फार्मेसी’ के रूप में भारत की भूमिका को स्वीकार किया है

नई दिल्ली, पीटीआइ। भारत की क्षमताओं को वैश्विक स्‍तर पर अब स्‍वीकार किया जाने लगा है। स्वीडन ने ‘दुनिया की फार्मेसी’ के रूप में भारत की भूमिका को स्वीकार किया है। स्‍वीडन का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए वह स्वास्थ्य और जीवन विज्ञान के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर ध्यान दे रहा है। बता दें कि भारत कोरोना वैक्‍सीन निर्माण के लिए हर देश की मदद करने के लिए आगे खड़ा दिखाई दे रहा है।

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आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ रहे भारत-स्‍वीडन

स्वीडन के राजदूत क्लास मोलिन ने कहा कि स्वीडन और भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मजबूती से साथ खड़े हैं। इस दौरान उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की बढ़ती भूमिका का उल्लेख भी किया। मोलिन ने भारत और यूरोपीय संघ के बीच लंबे समय से लंबित मुक्त व्यापार समझौते पर कहा कि दोनों पक्षों की उम्मीदों और संभावनाओं को पूरा करने के लिए कुछ काम किया जाना बाकी है। साथ ही उन्‍होंने कहा कि हालांकि, यह समझौता दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद होगा। इसलिए इस दिशा में दोनों देश गंभीरता से विचार कर रहे हैं।

स्‍वीडन, भारत में खोलने और कंपनी

भारत और स्‍वीडन के संबंधों का जिक्र करते हुए मोलिन ने कहा कि हमारे के बीच व्यापक द्विपक्षीय संबंध बेहतरीन रहे हैं। दोनों देश व्यापार और निवेश, स्वास्थ्य और रक्षा सहित आठ क्षेत्रों में व्यापक सहयोग देख रहे हैं। उन्‍होंने कहा, 'भारत दुनिया की फार्मेसी है और हमारी कुछ कंपनियां पहले ही यहां स्थापित हैं। कुछ उद्योग यहां हैं। इसके साथ ही हम अब नए संबंधों मूर्त रूप देने की कोशिश में जुटे हुए हैं।' उन्होंने कहा कि एस्ट्राजेनेका एक ताजा उदाहरण है, जो इस समय कोविड वैक्सीन के परीक्षण के तीसरे चरण में है। यह कंपनी भारत में अन्य क्षेत्रों में भी शोध और विकास कर रही है। इस महामारी के चलते स्वास्थ्य और जीवन विज्ञान में दोनों देशों का सहयोग बढ़ा है। उम्‍मीद है कि यह सहयोग आगे भी बढ़ता रहेगा।


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