केरल के सोना तस्करी मामले में जांच के लिए एनआइए की टीम दुबई में, स्वप्ना सुरेश की जमानत याचिका खारिज
केरल में सोने की तस्करी के मामले में जांच करने के लिए एनआइए की टीम दुबई पहुंची है और आरोपित फजल फरीद समेत कुछ लोगों से पूछताछ करने वाली है।
नई दिल्ली, एजेंसियां। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की एक टीम केरल में सोने की तस्करी के हाईप्रोफाइल मामले में आरोपित फजल फरीद से पूछताछ के लिए संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के दुबई पहुंच गई है। इस बीच, केरल की विशेष एनआइए कोर्ट ने सुबूतों और केस डायरी के आधार पर इसी मामले में एक और आरोपित स्वप्ना सुरेश की जमानत याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया सुबूत है कि स्वप्ना सुरेश सोने की तस्करी में शामिल थी।
सूत्रों ने सोमवार को बताया कि केरल में सोने की तस्करी के मामले में जांच करने के लिए एनआइए की टीम दुबई पहुंची है और आरोपित फजल फरीद समेत कुछ लोगों से पूछताछ करने वाली है। वह इस बात के भी सुबूत जुटाएंगे कि क्या केरल का कोई अधिकारी भी शामिल इसमें शामिल हैं। एनआइए ने इस जांच को पिछले महीने ही अपने हाथ में लिया है। सोने की तस्करी का यह मामला तब सामने आया जब पांच जुलाई को केरल में यूएई कंसोलेट में पूर्व कर्मचारी पीएस सरिता को गिरफ्तार किया गया।
बिना आधार के फंसाया गया: स्वपना सुरेश
इधर, कोच्चि में स्वप्ना सुरेश ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि उसे बिना किसी आधार के सिर्फ कल्पना के सहारे इस अपराध में फंसाया गया है और और यह मामला राज्य तथा केंद्र सरकारों के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का है, जिसे मीडिया ने तूल दिया। एनआइए ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह सुबूत हैं कि आरोपित ने जानबूझकर ऐसा कृत्य किया जो सीधे तौर पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की धारा 15 का उल्लंघन है।
अदालत ने एनआइए के पेश किए गए सुबूतों पर गौर करते हुए स्वप्ना सुरेश की जमानत याचिका खारिज कर दी। पिछले साल नवंबर से राजनयिक चैनल के माध्यम से 100 करोड़ रुपये से अधिक की सोने की तस्करी में महिला की कथित भूमिका को लेकर जांच एजेंसी ने ये सुबूत जुटाए थे। एनआइए ने जमानत याचिका को कड़ा विरोध करते हुए कहा कि मामले में गहन जांच की जरूरत है।
11 जुलाई को संदीप नायर और स्वपना सुरेश को किया गया था गिरफ्तार
आरएसएस नेता जे. नंदकुमार ने ट्वीट कर कहा है कि कोच्चि की एनआइए कोर्ट ने जांच के शुरुआती निष्कर्षो के आधार पर मामले की प्रमुख आरोपित स्वप्ना सुरेश की जमानत याचिका खारिज कर दी है। इससे पहले एनआइए की विशेष अदालत में जांच एजेंसी ने उसकी जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि सुरेश के तिरुअनंतपुरम में यूएई के वाणिज्य दूतावास से इस्तीफा देने के बावजूद उसे वेतन मिलता था। एनआइए ने अदालत को दिए हलफनामे में बताया कि मामले की मुख्य आरोपित स्वप्ना ने पूछताछ के दौरान सूचित किया कि मुख्यमंत्री कार्यालय में उसका अच्छा प्रभाव था। सुरेश और सह आरोपित संदीप नायर को बेंगलुरू से एनआइए ने 11 जुलाई को गिरफ्तार किया था। सोना तस्करी के मामले में एजेंसी ने अभी तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया है।