मोदी की अमेरिका यात्रा में साथ होंगे स्वामी ब्रह्मदेव
मखमली गलीचों के लिए विश्वविख्यात भदोही को अब लोग कालीन के अलावा भी जानने लगे हैं। इसका श्रेय जाता है जिले के कारीगांव निवासी व वैदिक विश्वविद्यालय वेस्टइंडीज के उप कुलपति स्वामी ब्रह्मंदेव महाराज को। खुद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामी जी को अमेरिका यात्रा के दौरान कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता भे
भदोही [सर्वेश कुमार मिश्र]। मखमली गलीचों के लिए विश्वविख्यात भदोही को अब लोग कालीन के अलावा भी जानने लगे हैं। इसका श्रेय जाता है जिले के कारीगांव निवासी व वैदिक विश्वविद्यालय वेस्टइंडीज के उप कुलपति स्वामी ब्रह्मंदेव महाराज को। खुद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामी जी को अमेरिका यात्रा के दौरान कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता भेजा है। स्वामी जी 28 सितंबर को न्यूयार्क में प्रवासी भारतीयों द्वारा प्रधानमंत्री के अभिनंदन समारोह की अध्यक्षता भी करेंगे।
स्वामी ब्रह्मंदेव महाराज का विदेश प्रवास के बावजूद भारत से अटूट प्रेम है। ज्ञानपुर के एक छोटे से गांव कारीगांव के निवासी स्वामी जी का यहां के लोगों से गहरा नाता है। साल में वह कम से कम तीन से चार बार तक भारत की यात्रा बना ही लेते हैं। उनका ही प्रभाव है कि यहां न सिर्फ भारत बल्कि कई देशों के सम्मानित जन यहां आते रहते हैं। ऐसे में जब जनपद के लोगों को मोदी के पत्र और उनके सम्मान समारोह की अध्यक्षता की जानकारी मिली तो वे फूले नहीं समाए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामी जी को भेजे गए पत्र के माध्यम से उपस्थिति होने की स्वीकृति चाही है। स्वामी जी ने इसके लिए हामी भर दी है। मोदी के पत्र के मुताबिक 27 सितंबर को वह ट्रिनिडाड की प्रधानमंत्री श्रीमती कमला विशेषर से मिलेंगे। उधर, 28 सितंबर को न्यूयार्क के नेडिशन पार्क में स्वामी जी भारतीयों द्वारा किए जाने वाले अभिनंदन समारोह की अध्यक्षता करने को पहले से ही स्वीकृति प्रदान कर चुके हैं।
पहले से रही है जान-पहचान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कारीगांव निवासी स्वामी ब्रह्मंदेव महाराज ट्रिनिडाड में कई दिनों तक साथ रहे हैं। यह बात अगस्त 2000 की है। उस समय को याद करते हुए स्वामी जी कहते हैं कि अब प्रधानमंत्री के रूप में मोदी जी से मिलना और तब की यादें बांटना बेहद सुखद होगा।