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स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 में पहली बार जिलों की भी होगी रैंकिंग, छोटे शहरों और कस्बों को भी किया गया शामिल, जानें कैसे होगा सर्वे

सोमवार से वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण का सातवां संस्करण स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 शुरू हो गया। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि इस बार के स्वच्छता सर्वेक्षण में पहली बार जिला स्तरीय रैंकिंग की जाएगी। स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 में छोटे शहरों और कस्बों को भी शामिल किया गया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 27 Sep 2021 09:36 PM (IST)Updated: Mon, 27 Sep 2021 11:56 PM (IST)
स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 में पहली बार जिलों की भी होगी रैंकिंग, छोटे शहरों और कस्बों को भी किया गया शामिल, जानें कैसे होगा सर्वे
वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण का सातवां संस्करण 'स्वच्छ सर्वेक्षण-2022' सोमवार से शुरू हो गया।

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। देश के शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान की रफ्तार बनाए रखने के लिए वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण का सातवां संस्करण 'स्वच्छ सर्वेक्षण-2022' सोमवार से शुरू हो गया। इस बार के स्वच्छता सर्वेक्षण में पहली बार जिला स्तरीय रैंकिंग की जाएगी। स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 में छोटे शहरों और कस्बों को भी शामिल किया गया है।

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इसकी शुरुआत करते हुए केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन देश का एक महत्वपूर्ण और परिवर्तनकारी कार्यक्रम है, जिसने जमीनी स्तर पर सभी हितधारकों की भागीदारी के कारण सफलता हासिल की है।

पुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्वच्छता मिशन यह जनांदोलन में परिवर्तित गया है। इसकी सफलता की राह आसान नहीं थी लेकिन आज हमने न केवल खुले में शौच से मुक्ति (ओडीएफ) का लक्ष्य हासिल किया है बल्कि ठोस कचरा प्रबंधन में भी सफलता हासिल की है।

करोड़ों नागरिक इस आंदोलन से जुड़े हुए हैं। यह लगातार मजबूत हो रहा है। प्रधानमंत्री एक अक्टूबर को स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) 2.0 और अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) 2.0 की शुरुआत करेंगे। मंत्रालय ने कहा कि इस महत्वाकांक्षी अभियान को सुगमतापूर्वक अंजाम देने के लिए स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में पिछले साल मूल्यांकन के लिए तैनात विश्लेषणकर्ताओं की संख्या दोगुनी से अधिक होगी।

भारत में कचरा प्रसंस्करण बढ़ने से वैज्ञानिक कचरा प्रबंधन स्पष्ट दिख रहा है। 2014 में 18 फीसद कचरे का प्रसंस्करण करते जो करीब चार गुना बढ़कर बढ़कर अब 70 फीसद हो गया है। 97 वार्डो में सौ फीसद घर-घर कचरा संग्रह होता है। जबकि 85 फीसद वार्डो में नागरिक खुद कचरे की छंटाई कर देते हैं। स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 में देश के शहरी क्षेत्रों की आधी आबादी यानी 20 करोड़ लोगों को शामिल किया जाएगा। जनभागीदारी से ही यह आंदोलन सफल हो सका है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए सर्वेक्षण का आगामी संस्करण बेहतर तकनीकी हस्तक्षेपों जैसे दस्तावेजों की डिजिटल ट्रैकिंग, स्वच्छता के संबंध में जियो-टैगिंग और क्यूआर कोड आधारित जवाब की शुरुआत करेगा। 


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