गौतम खेतान के हार्ड डिस्क से खुलेगा असली राज
सीबीआई की तरफ से अगस्त वेस्टलैंड डील में गौतम खेतान ने कुछ खास ना बोला हो लेकिन ईडी की खेतान के कंप्यूटर हार्ड डिस्क की जांच में कई चीजें सामने आ सकती है।
नीलू रंजन, नई दिल्ली। हेलीकाप्टर घोटाले की सैंकड़ों रुपये की रकम के बंटवारे में गौतम खेतान की केंद्रीय भूमिका निभाई थी। एजेंसियों की अब तक की जांच से यह साफ हो चुका है। लेकिन खेतान अभी तक राज खोलने के लिए तैयार नहीं हुआ है। सीबीआइ की चौथे दिन की पूछताछ में खेतान तथ्यों को छुपाने की कोशिश करता रहा। लेकिन ईडी के पास मौजूद खेतान के कंप्यूटर की हार्ड डिस्क से इस राज का पर्दा उठने की उम्मीद है। इस हार्ड डिस्क की अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ईडी के दफ्तर में इसे नष्ट करने की कोशिश की गई थी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि घोटाले की रकम को भारत लाने और उसे असली दलालों तक पहुंचाने में गौतम खेतान ने केंद्रीय भूमिका निभाई थी। खेतान 100 से अधिक कंपनियां चलाता है, जिनका इस्तेमाल पैसे के लेन-देन के लिए किया जाता रहा है। हेलीकाप्टर घोटाले की रकम को भारत के लिए ट्यूनेशिया में आइडीएस कंपनी उसी ने खोली थी। यह बात गौतम खेतान स्वीकार भी कर चुका है। लेकिन अभी तक यह मानने को तैयार नहीं है कि इसके मार्फत हेलीकाप्टर घोटाले की दलाली की रकम भारत लाई गई थी।
ये भी पढ़ें-अगस्ता वेस्टलैंडः कोई परिवार हो, दोषी होने पर नहीं बख्शेंगे: पर्रिकर
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जांच एजेंसियों के पास मौजूद सबूतों के सामने गौतम खेतान का अधिक दिनों तक चुप रह पाना संभव नहीं हो पाएगा। ईडी पहले ही उसके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है और उसकी संपत्ति भी जब्त कर चुकी है। लेकिन असली खुलासा खेतान की हार्ड डिस्क में बंद दस्तावेजों के सामने आने के बाद होगा। सितंबर 2014 में ईडी ने इस हार्ड डिस्क को जब्त किया था और अक्टूबर में ईडी के दफ्तर में ही इसे नष्ट करने की कोशिश की गई थी। दिल्ली पुलिस इसकी जांच कर रही है और ऐसा करने वाले ईडी के अधिकारी की पहचान करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि हार्ड डिस्क से डाटा को रिकवर करने के लिए फारेंसिक की मदद ली जा रही है। एक बार डाटा रिकवर हो जाने के बाद दलाली की रकम के बंटवारे का राज खुल सकता है और यह भी पता चल सकता है कि भ्रष्टाचार की गंगा आखिरकार किसके दरवाजे तक गई थी। जांच एजेंसियों के अनुसार खेतान ने कई बड़े राजनेताओं के विदेशी बैंकों में खाता खुलवाने और उनकी काली कमाई को ठिकाने लगाने में मदद की थी।
इस बीच सीबीआइ ने पूर्व वायुसेनाध्यक्ष एसपी त्यागी से नए सिरे से पूछताछ की तैयारी में है। पिछले हफ्ते तीन दिन लगातार पूछताछ के बाद उन्हें सोमवार को फिर से तलब किया गया है। इसके साथ ही एयरोमैट्रिक्स के प्रवीण बक्शी और आइडीएस इंफोटेक के प्रताप अग्रवाल को भी तलब किया गया है। गौरतलब है कि रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने शुक्रवार को लोकसभा में इन्हें बहती गंगा में हाथ धोने वाले छोटे खिलाड़ी बताया था। उनका कहना था कि भ्रष्टाचार की गंगा का गंतव्य तो कहीं और है और जांच एजेंसियां उन्हें खोजकर रहेगी।