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कोरोना के संदिग्‍ध अमृत की हुई मौत, दोस्त कय्यूम ने मरते दम तक नहीं छोड़ा साथ

अमृत के दोस्‍त कय्यूम ने तबीयत बिगड़ने के बाद भी उसका साथ नहीं छोड़ा। हालांकि अस्‍पताल में इलाज के दौरान अमृत की मौत हो गई।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 17 May 2020 01:53 AM (IST)Updated: Sun, 17 May 2020 01:53 AM (IST)
कोरोना के संदिग्‍ध अमृत की हुई मौत, दोस्त कय्यूम ने मरते दम तक नहीं छोड़ा साथ
कोरोना के संदिग्‍ध अमृत की हुई मौत, दोस्त कय्यूम ने मरते दम तक नहीं छोड़ा साथ

शिवपुरी, राज्‍य ब्‍यूरो। कोरोना वायरस के खतरे के बीच ऐसे मामले भी सामने आ रहे हैं, लोग अपने मां- बाप या रिश्‍तेदारों के शवों को छोड़ कर भाग जा रहे हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे भी कोरोना संक्रमण के डर को पीछे छोड़ दोस्ती या इंसानियत का फर्ज निभा रहे हैं। ऐसा ही उदाहरण मध्य प्रदेश के शिवपुरी में दिखने को मिला। गुजरात के सूरत से उत्तर प्रदेश के बस्ती स्थित घर के लिए निकले दोस्त अमृत की हालत ट्रक में बिगड़ी और कोरोना वायरस जैसे लक्षण देख ट्रक चालक ने उसे शिवपुरी स्थित मप्र-उप्र सीमा पर उतार दिया। दोस्त कय्यूम भी उसके साथ उतर गया। इलाज के लिए अस्पताल ले गया, जहां उसकी मौत हो गई।

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चार-चार हजार रुपये देकर ट्रक में हुए थे सवार  

अमृत सूरत से अपने दोस्त मोहम्मद कय्यूम निवासी बरहउआ (उप्र) के साथ ट्रक में सवार होकर घर के लिए निकला था। कय्यूम ने बताया कि 4-4 हजार रुपये देकर दोनों ट्रक में सवार हुए थे। बदरवास तक आते-आते अमृत की तबीयत बिगड़ने लगी। उसे ठंड के साथ तेज बुखार आया तो ट्रक वाले ने कोलारस के पास फोरलेन पर उतार दिया। कय्यूम ने गोदी में अमृत का सिर रखकर लोगों से मदद की गुहार लगाई। इस दौरान भाजपा नेता सुरेंद्र शर्मा की मदद से एंबुलेंस में उसे जिला अस्पताल तक लाया गया। उप्र के जिला बस्ती थाना लालगंज पोस्ट बरहउआ निवासी 24 वर्षीय अमृत की वेंटिलेटर पर शुक्रवार-शनिवार की रात मौत हो गई।

इस दोस्त ने आखिरी समय तक नहीं छोड़ा साथ

कय्यूम का कहना है कि दोनों अलग-अलग फैक्ट्री में काम करते थे, लेकिन एक ही कमरे में तीन साल से रह रहे थे। कय्यूम तीन साल पहले सूरत पहुंचा था। वह कढ़ाई का धागा बनाता था, जबकि करीब आठ साल से सूरत में रह रहा अमृत फैक्ट्री में कपड़ा बुनता था। एक ही गांव और कुछ दूरी पर रहने वाले दोनों दोस्त बेहद गरीब हैं। परिवार उनकी कमाई से चलता है। अमृत का 10 साल का छोटा भाई है, जबकि पांच बहनें हैं।

लोगों के विरोध के कारण ट्रक से उतरना पड़ा 

जिला अस्पताल में मौजूद मोहम्मद कय्यूम ने बताया कि लॉकडाउन के कारण फैक्ट्री बंद हो गई। सूरत से ट्रक में 4-4 हजार रुपये किराया देकर नासिक, इंदौर होते हुए कानपुर लौट रहे थे। सफर के दौरान अमृत को तेज बुखार आया और उल्टी जैसी स्थित बनने लगी, हालांकि उल्‍टी नहीं हुईं। ट्रक में बैठे 55 से 60 लोग उनका विरोध करने लगे और अमृत को उतारने की जिद करने लगे। ट्रकवाले ने अमृत को उतार दिया तो उसका ख्याल रखने के लिए मैं भी उतर गया।

अब दोनों की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट का इंतजार

जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन डॉ. पीके खरे ने बताया कि अमृत (24) पुत्र रामचरण सूरत गुजरात से यूपी के जिला बस्ती जा रहा था। मृतक अमृत और उसके साथी का कोरोना टेस्ट कराया गया है। रिपोर्ट आने का इंतजार है।


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