जांच के ठीक पहले उठ खड़ा हुआ कोरोना 'मरीज', बोला मैं तो डमी, भड़के एम्स के डॉक्टर
Coronavirus Dhamtari News रायपुर एम्स के डॉक्टरों को बिना बताए मॉक ड्रिल करना धमतरी जिला प्रशासन को भारी पड़ गया।
रायपुर। Coronavirus Dhamtari News: रायपुर एम्स के डॉक्टरों को बिना बताए मॉक ड्रिल करना धमतरी जिला प्रशासन को भारी पड़ गया। मॉक ड्रिल इस बात को लेकर थी कि अगर जिले में कोई कोरोना का केस मिलता है तो कौन कैसे अपनी जिम्मेदारी निभाएगा। बहुत ही गोपनीय ढंग से हुई मॉक ड्रिल के दौरान टीम ने सच्ची घटना की तरह जवाबदारी निभाई। पर मॉक ड्रिल जिला प्रशासन के लिए मुसीबत बन गई। इस मॉकड्रिल को लेकर धमतरी ही नहीं, पूरे प्रदेश में दिन भर हड़कंप मचा रहा।
दरअसल हुआ कि खबर फैल गई कि जिले में कोरोना संदिग्ध मिला है। दोपहर से देर शाम तक चले इस ड्रामे से पर्दा तब हटा, जब एम्स के आइसोलेशन वार्ड में पहुंची डॉक्टरों की टीम 'मरीज" का सैंपल लेने लगी। प्रक्रिया शुरू होते ही मरीज घबराकर बिस्तर से उठ खड़ा हुआ और बोल पड़ा, अरे... मैं तो डमी हूं। बस फिर क्या था। एम्स प्रबंधन भड़क उठा। मरीज को क्वारंटाइन करने पर अड़ गया। धमतरी कलेक्टर रजत बंसल ने काफी अनुनय-विनय की। माफी मांगी। तब जाकर प्रबंधन ने डमी को जाने दिया, लेकिन हिदायत दी कि उसे धमतरी में ही क्वारंटाइन में रखना होगा।
पूर्व योजना के मुताबिक धमतरी शहर के जालमपुर वार्ड के एक घर के सामने एंबुलेंस रुकती है। घर के भीतर से एक व्यक्ति को लाकर एंबुलेंस में लिटाते हैं और सायरन बजाती एंबुलेंस तेजी से निकल जाती है। हल्ला मचता है कि कोरोना पॉजिटिव मिला है। पूरे वार्ड को सील कर दिया जाता है। लोग घरों में दुबक जाते हैं। यह चर्चा जंगल में लगी आग की तरह फैल जाती है कि मरीज को लेकर एम्स रायपुर गए हैं। इस मॉकड्रिल में गलती यह हो गई कि एम्स प्रबंधन को बिना इसकी जानकारी दिए डमी को वहां लेकर पहुंच गए। पूरे दिन इस मॉकड्रिल के सफल होने की मिठास का आनंद ले रहे धमतरी जिला प्रशासन के मुंह का स्वाद एम्स पहुंचने के बाद कड़वा हो गया।
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धमतरी जिला प्रशासन ने मॉकड्रिल की सूचना नहीं दी थी। यह सूचना थी कि रैपिड किट की जांच में वहां कोरोना पॉजिटिव आया है। उसे ला रहे है। डमी को आइसोलेशन वार्ड के पहले डेंजर जोन में लेकर पहुंच गए थे।
प्रो. डॉक्टर नितिन एम नागरकर, डायरेक्टर एम्स।