पाकिस्तान को लेकर नाउम्मीद नहीं है भारतः सुषमा
विदेश मंत्री यह भी मानती हैं कि राजग सरकार के दो वर्षो के कार्यकाल में पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ रिश्ते पहले से मजबूत हुए हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पठानकोट हमले की जांच को पाकिस्तान सरकार भले ही बेहद सुस्त गति से आगे बढ़ा रही हो लेकिन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अभी पूरी तरह से नाउम्मीद नहीं है। उनका कहना है कि पाकिस्तान पठानकोट हमले की जांच कर रहा है और भारत की जांच टीम के वहां जाने का रास्ता भी अभी बंद नहीं हुआ है। विदेश मंत्री यह भी मानती हैं कि राजग सरकार के दो वर्षो के कार्यकाल में पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ रिश्ते पहले से मजबूत हुए हैं। खास तौर पर जिस तरह से दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच एक सामंजस्य और रिश्तों में सहजता बनी है वह काफी उम्मीद जगाती है।
अपनी सरकार के दो वर्ष पूरा होने पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में स्वराज ने कहा कि भारत ने पाक के साथ अपने रिश्ते को तीन स्तरों पर आगे बढ़ाने का फैसला किया था और उसी आधार पर आगे बढ़ा जा रहा है। भारत पाक के साथ हर मुद्दे को आपसी बातचीत के साथ तय करना चाहता है लेकिन यह भी तय है कि आतंकवाद और बातचीत को एक साथ नहीं चलाया जा सकता। साथ ही दोनों देशों के बीच हर मुद्दे पर सीधे बातचीत होनी चाहिए। भारत पाक को लेकर आगे बढ़ाना चाहता है। यह बात बैंकाक में विदेश सचिव स्तरीय बातचीत से लेकर पीएम मोदी का अचानक लाहौर पहुंचने से भी साफ है। जहां तक पठानकोट हमले की बात है तो पाकिस्तान इसकी जांच कर रहा है। भारत की एनआइटी के वहां जाने को लेकर पाकिस्तान ने अभी तक इनकार नहीं किया है।
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स्वराज ने कहा कि भारत व पाक के बीच रिश्ते काफी जटिल हैं और उनके कुछ समय में या कुछ बैठकों में हल होने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। लेकिन हमें यह याद रखना चाहिए कि इस बीच दोनों देशों के पीएम के बीच काफी सहज रिश्ते बन गये है जो पहले कभी नहीं थी। मोदी ने जिस तरह से अचानक शरीफ के यहां पहुंच कर संदेश दिया है या फिर दिल का आपरेशन करने से पहले नवाज शरीफ का पीएम को फोन करना उनके बीच बन रहे केमिस्ट्री की कहानी कहते हैं। मुद्दों को सुलझाने के लिए कई बार रिश्तों की आवश्यकता होती है। विदेश मंत्री ने यह भी कहा है कि कुछ ताकतें भारत और पाक के बीच तनाव चाहती हैं जबकि कुछ इनके बीच बेहतर रिश्ते चाहते हैं। हमें यह चुनाव करना है कि हम किसके साथ जाते हैं।
विदेश मंत्री ने नेपाल के साथ बिगड़े रिश्ते को भी खास तवज्जो नहीं दिया और कहा कि जो भी थोड़ी बहुत गलतफहमी हो गई है वह दूर हो चुकी है। बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे आक्रामण के बारे में उन्होंने कहा कि वहां की सरकार बहुत ही सख्ती के साथ कदम उठा रही है। बांग्लादेश के धर्मगुरुओं ने हिंदुओं पर हो रहे आक्रामण के खिलाफ फतवा जारी किया है। इस पर स्वराज ने खास तौर पर प्रसन्नता जाहिर की है।
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