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हैदराबाद ब्लास्ट पर दोनों सदनों में विपक्ष ने बोला शिंदे पर हमला

हैदराबाद धमाकों की गूंज शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों में सुनाई दी। लोकसभा और राज्यसभा में गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे पर विपक्ष ने जोरदार हमला बोला। हंगामे के चलते दोनों सदनों की कार्यवाही भी स्थगित करनी पड़ी। भाजपा समेत सभी विपक्षी दलों के तीखे प्रहारों और टोका-टाकी के बीच गृह मंत्री ने हैदराबाद से लौटकर दोनों सदनों में बयान दिया। धमाकों के बाद गुरुवार को दिए बयान से उलट उन्होंने संसद में माना कि खुफिया विभाग ने सामान्य अलर्ट जारी किया था, उसमें पुख्ता जानकारी नहीं थी।

By Edited By: Published: Fri, 22 Feb 2013 05:37 PM (IST)Updated: Sat, 23 Feb 2013 08:47 AM (IST)
हैदराबाद ब्लास्ट पर दोनों सदनों में विपक्ष ने बोला शिंदे पर हमला

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। हैदराबाद धमाकों की गूंज शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों में सुनाई दी। लोकसभा और राज्यसभा में गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे पर विपक्ष ने जोरदार हमला बोला। हंगामे के चलते दोनों सदनों की कार्यवाही भी स्थगित करनी पड़ी। भाजपा समेत सभी विपक्षी दलों के तीखे प्रहारों और टोका-टाकी के बीच गृह मंत्री ने हैदराबाद से लौटकर दोनों सदनों में बयान दिया। धमाकों के बाद गुरुवार को दिए बयान से उलट उन्होंने संसद में माना कि खुफिया विभाग ने सामान्य अलर्ट जारी किया था, उसमें पुख्ता जानकारी नहीं थी।

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लोकसभा में जहां विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज की अगुआई में शिंदे की घेराबंदी हुई, वहीं राज्यसभा में तो पूर्व भाजपा अध्यक्ष वेंकैया नायडू नाराजगी में न जाने क्या-क्या कह गए। हैदराबाद से लौटे गृह मंत्री ने लोकसभा और राज्यसभा में बयान दिया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी [एनआइए] राज्य पुलिस के साथ मिलकर धमाकों की जांच कर रही है। सरकार ऐसी वारदातों को रोकने और साजिशकर्ताओं को सजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। शिंदे ने माना कि पांच शहरों में हमले की जानकारी थी, लेकिन कोई पुख्ता अलर्ट नहीं था।

शिंदे के बयान से असंतुष्ट विपक्ष ने लोकसभा में इस मामले पर पूरी बहस की मांग की। सुषमा स्वराज ने शिंदे के बयान को सतही करार देते हुए जानना चाहा कि केंद्र ने धमाके की खुफिया जानकारी को राज्य सरकार को भेजने के अलावा इसे रोकने के लिए और क्या कदम उठाए? उन्होंने कहा, देश जानना चाहता है कि आगे ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सरकार क्या तैयारी कर रही है? स्वराज ने एमआइएम विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी के हालिया उत्तेजक भाषण की ओर इशारा करते हुए कहा कि कहीं इन धमाकों का संबंध उस भाषण से तो नहीं है। सपा नेता मुलायम सिंह, माकपा नेता वासुदेव आचार्य और जदयू नेता शरद यादव ने इस मुद्दे पर बोलना चाहा। लेकिन, नियम का हवाला देते हुए उपाध्यक्ष ने इसकी इजाजत नहीं दी। बहस की मांग पर अडे़ सदस्यों के हंगामे के कारण सदन को एक घंटे के लिए स्थगित करना पड़ा। इस बीच संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ ने आश्वासन दिया कि सरकार इस मुद्दे पर पूरी चर्चा के लिए तैयार है।

राज्यसभा में सरकार को आड़े हाथ लेते हुए विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा कि खुफिया विभाग के नेटवर्क में कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। इससे पहले हैदराबाद से भाजपा सांसद वेंकैया नायडू ने शिंदे के सदन में न रहने पर उन पर हमला बोला। इस दौरान वह गृह मंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी भी कर गए। बाद में गृह मंत्री के बयान से असंतोष जताते हुए वेंकैया ने कहा, 'घटना के तत्काल बाद ही गृह मंत्री को हैदराबाद जाना चाहिए था और सुबह संसद में होना चाहिए था। सरकार संसद की अनदेखी कर रही है।' सपा के राम गोपाल यादव ने भी कहा कि गृह मंत्री का बयान बेहद साधारण व निराशाजनक है। मायावती ने कहा कि खुफिया एजेंसी की जानकारियों पर केंद्र व राज्य के बीच समन्वय होना चाहिए। आतंकवाद को उखाड़ फेंकने के लिए आगे आना होगा।

भारत पर हर वक्त खतरा

''इस घटना में निश्चित तौर पर पाकिस्तान और आइएसआइ का हाथ है। सरकार पाक से रिश्तों में कमी लाए और विश्वास बहाली के उपायों पर रोक लगाए।'' - राजनाथ सिंह (भाजपा अध्यक्ष)

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''खतरों से घिरा भारत हर चुनौती से निपटने में सक्षम है। हमले को अफजल की फांसी का बदला करार देना महज एक कल्पना है। भारत पर हर वक्त खतरा है।'' - फारूक अब्दुल्ला (केंद्रीय मंत्री)

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''मैं इस आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करती हूं। इस कायरतापूर्ण हमले में निर्दोष लोगों के मारे जाने पर मुझे खेद है। मैं घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करती हूं।'' - मीरा कुमार (लोकसभा अध्यक्ष)

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''घटना को सांप्रदायिक रंग न दिया जाए। पहले तमाम घटनाओं में बेकसूरों को गलत तरीके से जेल में ठूंसा जा चुका है बाद में अदालत ने उन्हें रिहा कर दिया। लिहाजा सही जांच होनी चाहिए।'' - प्रकाश करात (माकपा महासचिव)

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''कुछ संकीर्ण वर्गो की कोशिश मामले को सांप्रदायिक या राजनीतिक रंग देने की है। यह वक्त एकजुटता से सिरफिरे हत्यारों व आतंकवाद से निपटने का है।'' - भाकपा

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''यह शांति और समरसता के माहौल को बिगाड़ने की जानबूझकर की गई कोशिश है। लोग शांति बनाए रखें। उम्मीद है कि जांच एजेंसियां गुनहगारों को पकड़ने में कामयाब रहेंगी।'' -नीतीश कुमार (मुख्यमंत्री, बिहार)

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''यह देश के खिलाफ साजिश है। मैं मारे गए लोगों के प्रति अपनी शोक संवेदना व्यक्त करता हूं।'' - लालू प्रसाद यादव, (राजद प्रमुख)

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